अभी अभी: योगी सरकार ने 8 करोड़ लोगों के घर को किया रोशन, ख़ुशी से झूम रहे लोग

लखनऊ। यूपी में गत् सरकारों द्वारा बिजली के क्षे़त्र में किये गये कार्यों का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज भी लगभग 8.5 करोड़ लोग अपने घरों में बिजली के लिए तरस रहे हैं। देश को स्वतंत्र होने के वर्षों बीत जाने के बाद भी आज लोग अंधकार में गुजर बसर करने को मजबूर हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान 24 घण्टे बिजली देने का भरोसा दिलाने वाली बीजेपी सरकार के इस ओर बढ़ते कदम अत्यंत ही सराहनीय हैं। यूपी में योगी आदित्यानाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही बदलाव का दौर शुरू होने लगा है। आम जनों में खुशी की लहर है। क्योंकि योगी अपने वादों से एक कदम आगे बढ़कर योजनाओं को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। यदि योगी की सरकार अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सफल होती है तो आठ करोड़ से भी अधिक लोगों का जीवन अंधकार से मुक्त हो जायेगा।

घरों में बिजली के लिए तरस रहे हैं करोड़ो लोग

योगी को इन कठिन कार्यों के लिए मुश्किलों का सामना तो करना पड़ेगा। लेकिन कर्मठ मुख्यमंत्री के रूप में देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वह यूपी को विकास के सर्वोच्च शिखर तक ले जाने में सफल होंगे। यूपी में 24 घण्टे बिजली घर-घर तक पहुंचाने को लेकर योगी सरकार जिस गति से आगे बढ़ रही है। उसकी चारों ओर सराहना भी हो रही है। यूपी की आबादी तकरीबन 22 करोड़ करोड़ है। यहां आज भी लोग गांवों में मड़ई व छप्पर के सहारे ही जीवन यापन कर रहे हैं। जिनकी उम्मीदें उनके मुख्यमंत्री पर टिकी हुई हैं। बड़ी आबादी व एक बड़ा प्रदेश होने के कारण 24 घण्टे बिजली उपलब्ध कराना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने है। जलवायु परिवर्तन से पैदा होने वाली चुनौतियां और पर्यावरण संकट लगातार गंभीर होते जा रहे हैं। इस कारण से उत्तर प्रदेश इस आसन्न संकट का सबसे गंभीर भुक्तभोगी है। कुछ आंकड़े इन्हीं समस्याओं को प्रदर्शित करते हैं।

देश में सर्वाधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन उत्तर प्रदेश में होता है और कुल ग्रीनहाउस उत्सर्जन में इसका हिस्सा 14 प्रतिशत से अधिक है। वायु प्रदूषण के मामले में उत्तर प्रदेश के चार शहर देश के सर्वाधिक 20 प्रदूषित शहरों में शुमार होते हैं। इसके अलावा करीब 54 प्रतिशत ग्रामीण आबादी और 10 फीसदी शहरी आबादी यानी करीब 8.5 करोड़ लोग अब भी आधुनिक बिजली का इंतजार कर रहे हैं। देश की सबसे पवित्र दो नदियों – गंगा व यमुना में उत्तर प्रदेश के क्षेत्र से सबसे ज्यादा प्रदूषित गंदगी डाली जाती है, वहीं राज्य में अपशिष्ट प्रबंधन कार्य लगभग नगण्य है। पानी की गंदगी का असर भी विद्युत उत्पादन पर पड़ता है। उत्तर प्रदेश अभी भयावह ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है।

राज्य सरकार ने बढ़ते बिजली संकट से निपटने के लिए उठाये अहम् कदम
यहां पीक पावर डेफिसिट 15 प्रतिशत है और देश में जम्मू-कश्मीर के बाद यह दूसरी सर्वाधिक बिजली कमी है। यदि दीर्घकालिक सततशील एक्शन प्लान को तैयार कर लागू नहीं किया गया तो यह खाई और भी गहरी हो सकती है। राज्य को अक्षय ऊर्जा प्रणाली पर आधारित विकेंद्रीकृत तरीके से बिजली उत्पादन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत हैं। जिसमें शहरी इलाकों के लिए सोलर रूफटाॅप और ग्रामीण क्षेत्रों में माइक्रो मिनी ग्रिड जैसे उपाय शामिल है और ये सभी लोगों तक ऊर्जा उपलब्धता और शहरों को पर्याप्त ऊर्जा संपन्न बनाने में कारगर सिद्ध होंगे। राज्य सरकार ने बढ़ते बिजली संकट से निपटने और आपूर्ति को सुगम और भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए सराहनीय कदम उठाये हैं।

यूपी में सौर, बायोमास और लघु पन बिजली जैसे अक्षय ऊर्जा संसाधनों के दोहन की भरपूर संभावनाएं है। जिससे आगामी वर्षों में सभी तक बिजली के लक्ष्य को वास्तविकता में तब्दील किया जा सकता है। हांलाकि भाजपा ने उत्साहजनक ढंग से नदियों को साफ करने, स्वच्छ और सततशील तरीकों से सभी तक बिजली पहुंचाने और सभी शहरों में सततशील अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य करने की प्रतिबदद्धता जतायी है। सरकार से इन वायदों पर काम करने और इन्हें कुशलता से पूर्ण करने की लोग आशा रखते हैं। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि मुख्यमंत्री जनता से किये गये वादों को निभा रहे हैं। जो प्रदेश को विकास के पथ पर ले जाने में सफलता का द्योतक है।

योगी सरकार घर-घर पहुंचाएगी 24 घण्टे बिजली
मुख्यमंत्री के द्वारा उनके काम करने की लगन और ईमानदारी को देखते हुए लोग उनके कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ने को उत्सुक हैं। प्रदेश को विकास की दौड़ में सबसे आगे ले जाने के लिए कई संस्थायें सरकार के साथ काम करने के साथ ही हर संभव मदद देने को तैयार हैं। योगी सरकार के द्वारा यूपी को घर-घर तक 24 घण्टे बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर जब (सीड) के सीईओ रमापति से बात की गयी तो उन्होंने सरकार के इस योजना की सरहाना की। उन्होंने कहा कि सीड और इसके सहयोगी सिविल सोसायटी संगठनों ने राज्य सरकार द्वारा आगामी अक्तूबर 2018 तक सभी लोगों तक बिजली के लक्ष्य से संबंधित हाल में उठाये गये कदम का स्वागत भी किया गया है।

नयी सरकार से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं। श्री योगी के नेतृत्व में सरकार ने राज्य को नये विकास पथ पर चलने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता और आकांक्षा प्रदर्शित की है। नयी सरकार के साथ मिल कर यूपी को एक स्वच्छ, स्वस्थ और सततशील राज्य बनाने की प्रतिबद्धता संबंधी महत्वपूर्ण कार्य में योगदान देने को इच्छुक हैं। यूपी में सततशील विकास के सिद्धांत पर आधारित एक दीर्घकालिक दृष्टि और रोडमैप तैयार करने का यह सही मौका है। इस राज्य को स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की जरूरत है और सभी बड़े शहरों में एक क्लीन एयर एक्शन प्लान का निर्माण होना चाहिए। ताकि यूपी में समग्र पर्यावरण में सुधार लाया जा सके।

सीड ने राज्य सरकार से की मांग
यूपी में ऊर्जा की भारी कमी और वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सीड ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह प्राथमिकता के आधार पर अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहन देन वाली और स्वच्छ वायु कार्य योजना (क्लीन एयर एक्शन प्लान) से जुड़ी नीतियों का निर्माण करे। कई सिविल सोसायटी संगठनों के साथ मिल कर उत्तर प्रदेश सरकार से राज्य में एक स्वस्थ व सतत्शील विकास से संबंधित रोडमैप के निर्माण के लिए अपील की। सीड ने अपने सहयोगी सिविल सोसायटी संगठनों के साथ मिल कर नयी सरकार के सामने कुछ मांग व कदम उठाने और उन पर ध्यान देने की गुजारिश की है। 100 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा के विजन को तैयार करना, जिसमें वर्ष 2022 तक 13000 मेगावाट की अतिरिक्त सौर ऊर्जा के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश भी शामिल हो। विकेंद्रीकृत अक्षय ऊर्जा को ग्रामीण इलाकों में मिनी माइक्रो ग्रिड के जरिये ऊर्जा उपलब्धता के समाधान के रूप में विचार किया जाये।

इसके साथ ही शहरी इलाकों में बढ़ती ऊर्जा व बिजली मांग को पूरा करने के लिए सोलर रूफटाॅप प्रणाली को प्रोत्साहित किया जाये, खासकर वाणिज्यिक, औद्योगिक व संस्थागत क्षेत्र में। राज्य के सभी बड़े शहरों में एक स्वच्छ वायु कार्ययोजना का विकास हो, जिसमें प्रभावी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली, डीजल चालित वाहनों के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर उन्मुख होना, और सभी वाहनों, उद्योगों व फैक्टरियों को सख्त उत्सर्जन मानक का पालन करना शामिल हो। यूपी के शहरों में हरित इलाकों की मात्रा बढ़ा कर राज्य में ग्रीन कवर में वृद्धि के लिए एक सुसंगत योजना पर काम करना। सभी शहरों व कस्बों में समुचित ठोस अपशिष्ट कूड़ा प्रबंधन प्रणाली हो और सभी प्रकार के जलाशयों व नदियों में गंदगी व कूड़े के निष्पादन की प्रवृति को पूरी तरह से प्रतिबंधित हो। इससे प्रदेश में हर घर तक रोशनी पहुंच सकेगी।

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