दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने तीन मंत्रियों के साथ अफसरों की हड़ताल खत्म करवाने के लिए पिछले आठ दिनों से धरने पर हैं। 11 जून शाम 6 बजे से राजनिवास पर केजरीवाल के साथ धरना दे रहे स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन 12 जून से ही भूख हड़ताल पर थे जिसकी वजह से बीती रात रविवार को उनकी तबियत काफी खराब हो गई।
सात दिन से एलजी कार्यालय में भूख हड़ताल कर रहे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की हालत रविवार देर रात करीब पौने 12 बजे बिगड़ गई। उन्हें दिल्ली गेट स्थित लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। डॉक्टरों के अनुसार, अनशन की वजह से उनके शरीर में कीटोन की मात्रा ज्यादा हो गई है।
सत्येंद्र जैन की तबियत खराब होने के बावजूद सीएम केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय अब भी राजनिवास पर धरने पर बैठे हैं। धरने के आठवें दिन केजरीवाल ने आज ट्वीट कर बताया कि अब सत्येंद्र जैन की तबियत ठीक है। बुधवार से आमरण अनशन कर रहे मनीष सिसोदिया की तबियत के बारे में भी केजरीवाल ने बताया कि वो ठीक हैं।
सातवें दिन केजरीवाल ने बढ़ाया सुलह का हाथ
राजनिवास मे धरने के सातवें दिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहली बार अधिकारियों से सुलह के लिये हाथ बढ़ाया है। आईएएस एसोसिएशन के मीडिया में आने के बाद मुख्यमंत्री ने एक लेटर जारी किया है।
इसमें केजरीवाल ने अधिकारियों को सुरक्षा देने का भरोसा दिया है। साथ ही अधिकारियों से काम पर लौटने की अपील भी की है। मुख्यमंत्री की अपील के बाद माना जा रहा है कि उपराज्यपाल के साथ चल रहा टकराव खत्म हो सकता है।
अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया में जारी अपने पत्र में लिखा है कि रविवार को आईएएस एसोसिएशन ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। केजरीवाल ने भरोसा दिलाया है कि वह अपनी पूरी ताकत व संसाधन के साथ अधिकारियों को सुरक्षा मुहैया करायेंगे। उन्होंने इसे अपना कर्तव्य बताया है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि इस तरह का भरोसा उन्होंने पहले भी अधिकारियों की निजी मुलाकातों में दे रखा है।
अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, अधिकारी उनकी परिवार का हिस्सा हैं। उनसे गुजारिश है कि वह चुनी हुयी सरकार के मंत्रियों की बैठकों का बहिष्कार बंद करें। मंत्रियों के फोन व मैसेज का जवाब दें। उनके साथ वह दौरों में शामिल हों। उन्हें बगैर किसी डर या भय के काम करना चाहिये। वह न तो राज्य सरकार के दबाव में आयें और न ही केंद्र या किसी राजनीतिक पार्टी के।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने अपनी तरफ से एक बार फिर सुलह-समझौते की कोशिश है। अधिकारियों की प्रेस कांफ्रेस में बुनियादी मांग सुरक्षा की थी। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने खुलकर अपना पक्ष स्पष्ट किया है। ऐसे में अब उपराज्यपाल को पूरे मामले में दखल देना चाहिये। मुख्यमंत्री के हाथ बढ़ाने के बाद अधिकारी उपराज्यपाल की तरफ से सकारात्मक जवाब आता है तो मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ धरना खत्म कर सकते हैं।
अनशन के चलते बढ़ी कोटीन की मात्रा
डॉक्टरों के अनुसार, अनशन की वजह से उनके शरीर में कीटोन की मात्रा ज्यादा हो गई है। इससे शरीर में कमजोरी आती है और इंसान बेहोश हो सकता है। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के एक डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल लाने के बाद मंत्री की मेडिकल जांच चल रही है।
उन्हें डॉक्टरों की विशेष निगरानी में रखा गया है। खबर लिखे जाने तक उन्हें ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है। उन्हें इंजेक्शन के जरिए कुछ दवाएं भी दी गई हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, कोटीन की मात्रा एक-दो दिन में ही बढ़ जाती है, लेकिन मंत्री इतने दिनों से एसी कमरे में थे और योग कर रहे थे, इसलिए उन्हें अब आकर दिक्कत हुई है।
बता दें कि उपराज्यपाल कार्यालय में पांच दिन से मंत्री जैन अनशन पर हैं। अरुणा आसफ अली अस्पताल के डॉक्टर हर दिन उनका मेडिकल टेस्ट कर रहे हैं। शुक्रवार को ही उन्होंने उनकी तबियत में गिरावट की बात कही थी।
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