युवाओं और समाजजनों को मंदिर व संस्कृति से जोड़ने के लिए मप्र सहित राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल जैसे प्रदेशों में 6 वर्ष से जिनालय शुद्धिकरण अभियान चल रहा है। संभवत: यह अपनी तरह की पहली ऐसी पहल है जिसमें मंदिरों की सफाई के लिए समाजजन सहर्ष सहभागिता करते हैं।
2009 से आरंभ हुए अभियान के प्रणेता और मार्गदर्शक आचार्यश्री नवरत्न सागर सूरीश्वरजी रहे। वर्तमान में आचार्यश्री के पट्टर युवाचार्य श्री विश्वरत्न सागर सूरीश्वरजी के मार्गदर्शन में हो रहा है। 5 प्रदेश के 1100 जिनालय हर वर्ष शुद्ध होते हैं। 2 सितंबर को 9वें वर्ष के तहत 50 हजार लोग एक साथ मंदिरों को शुद्ध करेंगे।
जैन श्वेतांबर मालवा महासंघ व नवरत्न परिवार के सहयोग से यह कार्य होता है। जिनालय शुद्धिकरण प्रबंधक मालवा महासंघ मुख्य प्रभारी राकेश मारवाड़ी बताते हैं कि 2013 में अभियान मप्र के मालवा क्षेत्र के 13 जिलों से आरंभ हुआ था, तब 600 जिनालयों को शुद्ध किया गया।
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