यूपी में कोर्ट ने छह साल की मासूम से रेप के मामले में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद 10 दिन के भीतर फैसला सुना दिया। कोर्ट ने आरोपित को ताउम्र कारावास की सजा दी। साथ ही 20 हजार का अर्थदंड लगाया है। मामला प्रतापगढ़ नगर कोतवाली की पृथ्वीगंज पुलिस चौकी क्षेत्र के एक गांव का है। कंधई इलाके की महिला छह साल की बेटी के साथ मायके आई थी। 12 अगस्त की शाम 7:30 बजे बच्ची अपनी ममेरी बहन के साथ निमंत्रण से लौट रही थी। रास्ते में एक युवक उसे फुसलाकर खेत में ले गया। मामा की बेटी घर पहुंची और जानकारी दी तो परिजन पहुंचे। आरोपित मासूम के साथ खेत में पकड़ लिया गया।
पुलिस ने आरोपित प्रयागराज मऊआइमा के किरांव के भूपेंद्र सिंह उर्फ भोनू पर केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। विवेचक शहर कोतवाल सत्येंद्र सिंह ने 12 सितंबर को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। आरोपित को नाबालिग बताते हुए स्कूल की टीसी पेश की। हालांकि जांच में टीसी फर्जी निकली। पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने लगातार सुनवाई कर 21 सितंबर को दोषसिद्ध कर दिया। गुरुवार को आरोपित को शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक के लिए कारावास की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि 20 हजार रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया। राज्य की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक देवेश चंद्र त्रिपाठी व अशोक तिवारी ने की।
कोतवाल ने आरोपित को दिखाया नाबालिग, कार्रवाई का निर्देश
मासूम से रेप करने वाले के पक्ष में शहर कोतवाल की भूमिका को कोर्ट ने सख्ती से लिया है। कोतवाल ने आरोपित को फर्जी टीसी के आधार पर नाबालिग करार दिया था। जिसपर कोर्ट ने इंस्पेक्टर सत्येंद्र सिंह की लापरवाही पाई। उनके खिलाफ विभागीय दंडात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया।
महीने भर पहले 20 दिन में सुनाया था फैसला
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज कुमार श्रीवास्तव ने 11 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 25 अगस्त को लालगंज के सरायसंसारा गांव के राजकुमार उर्फ फुटानी मौर्य को दोषी पाए जाने पर कठोर आजीवन कारावास की सजा चार्जशीट दाखिल होने के बाद 20 दिन में सुनाई थी।