गीता के उपदेश के 5160 वर्ष पूरे होने पर शनिवार को एक मिनट एक साथ गीता पाठ मैदान से लेकर पहाड़ और गंगा से लेकर सात समंदर पार विदेश में भी किया गया। गीता के तीन श्लोकों का उच्चारण प्रात: 11 बजे किया गया। हरिद्वार में गंगा किनारे हर की पौड़ी पर एक हजार संत गीता का पाठ किया, वहीं वाराणसी और श्री माता वैष्णो देवी के दरबार में भी गीता का पाठ किया। यहां से गीता पाठ को लाइव दिखाया गया।
उल्लेखनीय है कि इस नई शुरूआत पर पहली बार में ही देशभर से एक करोड़ लोगों के शामिल होने का अनुमान जताया गया है। कुरुक्षेत्र की धर्म धरा पर श्रीकृष्ण भगवान ने अर्जुन को निमित कर दुनिया को गीता का उपदेश दिया था। गीता के उपदेश का दिन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी और गीता के उपदेश का अनुमानित समय प्रात: 11 बजे माना गया है। इसे गीता की उत्पत्ति का समय माना जाता है। शनिवार को 5160 वर्ष पूरे हो गए हैं। कुरुक्षेत्र के पवित्र ब्रह्मसरोवर पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया है। इसके अंतर्गत 48 कोस कुरुक्षेत्र के करीब 164 तीर्थ स्थलों पर कार्यक्रम किया गया।
प्रदेश ही नहीं देश और विदेश में हुआ गीता पाठ
गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने बताया कि एक मिनट एक साथ गीता का वैश्विक आह्वान था। इसमें गीता के प्रथम, मध्यम और अंतिम श्लोक को लिया गया। पिछले कई वर्षों में गीता का प्रभाव देश ही नहीं पूरे विश्व में बढ़ा है। यह गीता और भारतीय संस्कृति के लिए अच्छे संकेत हैं। एक मिनट-एक साथ गीता पाठ को लेकर शिक्षण संस्थानों के अलावा विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठन जुड़े हैं।
कर्नाटक के बेलगांव की एक यूनिवर्सिटी के कुलपति ने आगे आकर गीता पाठ करने का फैसला लिया। इसी तरह देश के 950 विश्वविद्यालय इसके साथ जुड़े रहे हैं। माता वैष्णो देवी के दरबार में आरती की तर्ज पर गीता का पाठ किया। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और इंग्लैंड समेत कई देशों में लोगों ने गीता पाठ किया। गीता किसी एक जाति या वर्ग की नहीं है। श्रीकृष्ण भगवान ने पूरा सार्वभौम के लिए गीता में संदेश दिए हैं।