दिल्ली से सटे यूपी के ग्रेटर नोएडा में बनने वाला जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट अभी से अपनी प्रस्तावित योजनाओं को लेकर सुर्खियों में है। अब इन प्रस्तावित योजनाओं में एक और इजाफा किया गया है। दुनिया के इस चौथे सबसे बड़े एयरपोर्ट पर पार्किंग भी इतनी बड़ी होगी कि वाहन चालकों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक लाख कारों की पार्किंग की सुविधा होगी। पार्किंग एयरपोर्ट के दोनों फेज के साथ विकसित की जाएगी। दोनों फेज में बराबर संख्या में कारों के लिए पार्किंग विकसित होगी। एयरपोर्ट का निर्माण शुरू होने के साथ ही इसका कार्य भी शुरू हो जाएगा।
मालूम हो कि जेवर एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। अलग-अलग चरणों में एयरपोर्ट पर आठ रनवे का निर्माण होगा। पहले चरण में एयरपोर्ट पर दो रनवे होंगे। यहां से हवाई सेवाओं का उपयोग करने वाले यात्रियों की संख्या भी लाखों में होगी। इसे ध्यान में रखते हुए ही यहां पर एक लाख वाहन क्षमता की पार्किंग बनाने का निर्णय लिया गया है।
एयरपोर्ट का इस्तेमाल दिल्ली एनसीआर के अलावा पश्चिम उत्तर प्रदेश के 22 जिलों, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के यात्री भी करेंगे। दूरदराज से आने वाले यात्री वाहनों के लिए एयरपोर्ट पर पार्किंग की चुनौती होगी। इसलिए एयरपोर्ट पर एक लाख वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।
यह पार्किंग पहले व दूसरे फेज के लिए होगी। पहले फेज की पार्किंग 48491 वर्गमीटर भूमि पर विकसित की जाएगी। दूसरे फेज में 39584 वर्गमीटर पर पार्किंग विकसित की जाएगी। दोनों फेज में ओपन पार्किंग होगी। इसमें पचास-पचास हजार वाहनों खड़ा करने की क्षमता होगी।
एयरपोर्ट के लिए यमुना प्राधिकरण ने पर्याप्त भूमि आरक्षित कर रखी है। इसलिए एयरपोर्ट पर फिलहाल बहुमंजिला पार्किंग की जरूरत नहीं होगी। एयरपोर्ट का निर्माण शुरू होने के साथ ही पार्किंग स्थल के विकास का कार्य भी शुरू हो जाएगा। एयरपोर्ट के शुरू होने के साथ ही वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा भी शुरू कर दी जाएगी। यमुना प्राधिकरण व नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (निआल) के सीईओ अरूणवीर सिंह के अनुसार एयरपोर्ट पर पार्किंग दो चरणों में विकसित की जाएगी। यहां पर करीब एक लाख वाहनों के खड़ा करने की सुविधा होगी।