एआई कैमरा टेक्नॉलजी चाइनीज रिसर्चर्स ने एक खास तैयार की है.करीब 45 किलोमीटर दूर से इसकी मदद से इंसान के आकार तक के ऑब्जेक्ट्स की फोटो क्लिक की जा सकेगी. रिसर्चर जेन-पिंग ली के पेपर ओपन सोर्स जर्नल ArXiv में प्रकाशित हुए हैं. इसमें बताया गया है कि खास कैमरा टेक्नॉलजी स्मॉग और प्रदूषण से प्रभावित नहीं होगी. इस तकनीक से बेहतर फोटो लेजर और स्मार्ट एआई सॉफ्टवेयर की मदद से क्लिक किए जा सकेंगे. जो की फोटोग्राफी की दुनिया मे क्रांतिकारी कदम है.
पहले पुराने कैमरा LIDAR मतलब लाइट डिटेक्शन ऐंड रेंजिंग तकनीक नई टेक्नॉलजी से यूज करते रहे हैं. इसे लेकर रिसर्चर ने कहा कि नया सॉफ्टवेयर प्रदूषण और धुंध के चलते फोटो में आने वाले नॉइस को दूर कर सकता है. इसमें ‘gating’ तकनीक की मदद से सॉफ्टवेयर बाकी माध्यमों से रिफ्लेक्ट होने वाले फोटॉन्स को कैमरा के क्षेत्र से हटा देगा और ये फोटो का हिस्सा नहीं बन सकेंगे. किसी सब्जेक्ट की दूरी और आकार समझने के लिए कैमरा लेजर का उपयोग करेंगे. कैमरा में तय दूरी भी सेट इस तरह की जा सकती है. कैमरा 1550 नैनोमीटर वेवलेंथ वाला इंफ्रारेड लेजर यूज करता है. वही यह वेवलेंथ न सिर्फ कैमरा को इस्तेमाल करने के लिहाज से सुरक्षित बना देती है, बल्कि फोटो को सोलर फोटॉन्स से भी बचाती है जो अक्सर कैमरा के रेजॉलूशन और फोटो की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं. इस तरह नई तकनीक एआई सिस्टम के साथ बेहतर परिणाम देती है. कैमरा एक नया अल्गोरिद्म भी इस्तेमाल करता है, जिसकी मदद से जुटाए गए डेटा को मिलाकर एक तस्वीर तैयार की जाती है. हाल ही के दिनों में आई 3डी इमेज टेक्नॉलजी की मदद से छोटे डेटा को जुटाना आसान हो गया है. खास बात यह है कि इस टेक्नॉलजी से लैस कैमरा केवल जूते के डिब्बे के आकार का है, और छोटे एयरक्राफ्ट या मानवरहित वाहन में इसे आसानी से लगाया जा सकता है.