मगर बच नहीं सकता. ये बात कोटा में सत्य साबित हुई है. जब एक अपराधी ने 1987 में एक नाबालिग लड़की से रेप किया था और घटना के बाद फरार हो गया था. मगर 32 साल के बाद आरोपी की करतूत छुप न सकी और आरोपी रफीक पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया.
दरअसल, 1987 में दिल्ली से आई एक लड़की ने पुलिस में शिकायत की थी कि उसके पिता उसका विवाह उसकी मर्जी के खिलाफ कहीं करना चाहते थे. वो अपने किसी सम्बन्धी के पास रामगजमंडी के सुकेत में रहने चली गई. वहां उसे एक महिला मिली जिसने उसे आरोपी रफीक के साथ जबरदस्ती मध्यप्रदेश के जिजापुर पहुंचा दिया. जहां पर आरोपी रफीक ने उसके साथ दुष्कर्म किया, लड़की किसी तरह उसके चंगुल से बचकर रामगजमंडी पहुंच गई. जहां उसने पुलिस को सारी बात बताई. उसके बाद से ही पुलिस आरोपी रफीक ड्राइवर की तलाश में लगी हुई थी.
पुलिस ने बड़ी कार्यवाई को अंजाम देते हुए नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 32 साल से फरार भगोड़े अपराधी को देर रात अरेस्ट कर लिया. पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यन्त ने बताया है कि 11 दिसम्बर 1987 में नाबालिक लड़की ने थाना रामगंजमंडी पर जुबानी रिपोर्ट लिखवाई थी कि मेरे साथ रफीक ड्राइवर ने दुष्कर्म किया है. मैं उसके चंगुल से भाग आई हूं. पुलिस ने तभी से तफ्तीश शुरू कर दी थी, मगर आरोपी फरार हो गया था.