दिल्ली से 100 किलोमीटर से भी कम दूरी पर यूपी में बसे हापुड़ की महिला की दास्तान के जो पन्ने सामने आ रहे हैं, वे बेहद स्याह और दिल दहला देने वाले हैं। बदनसीबी की शिकार यह महिला पांच साल के दौरान 16 लोगों के हवस का शिकार हुई। महिला के साथ हुई दरिंदगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसे यह संख्या भी याद नहीं है कि उसके साथ पांच साल के दौरान कितनी बार 16 लोगों ने दरिंदगी की। हैरानी की बात है कि जिस पर पति पर उसने भरोसा किया उसने भी महिला को धोखा दिया और अपने जानकारों से दुष्कर्म करवाया। बता दें कि पीड़िता की पहली शादी वर्ष 2010 में हुई थी। इसके बाद उसने एक पुत्र को जन्म दिया। उस पति से तलाक होने के बाद पीड़िता के पिता ने वर्ष 2011 में उसका दूसरा विवाह कर दिया। दूसरे पति से उसे दो और पुत्रों की प्राप्ति हुई। वह पिछले कई माह से जनपद मुरादाबाद तीसरे पति के साथ रह रही थी।
हैवानियत का नमूना था पहला पति
हैवानों की ज्यादाती से तंग आग लगाकर आत्महत्या की कोशिश करने वाली यह महिला दिल्ली के अस्पताल में भर्ती है और दर्द से कराह रही है। महिला की मानें तो उसका दूसरा पति व्यवहार में एक राक्षस की तरह था। बार-बार उसने अपने ही सामने दोस्तों से दुष्कर्म करवाया। इस दौरान विरोध करने पर एसिड अटैक की भी धमकी दी गई थी।
पहली शादी एक साल में ही टूटी
पीड़िता का कहना है कि सिंभावली क्षेत्र के एक गांव निवासी उसके पिता ने दस वर्ष पूर्व मात्र 14 साल की उम्र में 10000 रुपये लेकर उसका विवाह हापुड़ निवासी युवक के साथ किया था। एक साल में ही रिश्ता टूट गया। इसके बाद पिता और बुआ ने बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के एक युवक से 10 हजार रुपये लेकर उसका दोबारा विवाह करा दिय था। पीड़िता का कहना है कि उसके पति ने एक गांव निवासी बाबू से कुछ रुपये उधार लिए थे। रकम नहीं चुकाने पर बाबू ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। मामले की जानकारी देने पर भी पति खामोश रहा। इस दौरान वह गर्भवती हो गई और उसने पुत्र को जन्म दिया।
इसके बाद पीड़िता तकरीबन जिंदा लाश बन गई थी। कुछ समय बाद पति ने उसे कुछ घरों में काम करने के लिए भेजा तो यहां गुड्डू नाम के शख्स ने दुष्कर्म किया। मधु सिरोही नामक एक महिला ने भी उसके साथ दुष्कर्म करने में एक व्यक्ति की मदद की थी। विरोध करने पर आरोपितों ने उस पर तेजाब डालने की धमकी दी। आरोपितों के खिलाफ उसने बाबूगढ़ पुलिस से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हद तो तब हो गई जब पुलिस से शिकायत करने से क्षुब्ध कुछ आरोपी 28 अप्रैल 2019 को मुरादाबाद स्थित उसके घर पहुंचे और तेजाब डालने व जान से मारने की धमकी दी। उस समय वह घर पर अकेली थीऔर इससे वह इस कदर आहत हुई कि उसने खुद को आग के हवाले कर लिया। इस दौरान आग बुझाने में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा युवक भी झुलस गया। उपचार के दौरान पीड़िता ने इंसाफ की बात करते हुए एक वीडियो बनाकर वायरल किया। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और 15 नामजद समेत 16 आरोपितों पर मुकदमा दर्ज किया है। इस पर राष्ट्रीय महिला आयोग (National women commission) ने यूपी पुलिस ने जवाब तक मांगा है।
पुलिस के गले की फांस बनता जा रहा है प्रकरण हापुड़
सामूहिक दुष्कर्म के मामले में थाने पर सुनवाई नहीं होने से क्षुब्ध महिला के आत्मदाह के प्रयास का मामला पुलिस के गले की फांस बनता जा रहा है। अब इस मामले में अपनी छीछालेदर होने और विभागीय कार्रवाई के डर से पुलिस स्थिति को संभालने में जुट गई है। बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने पिता और बुआ पर उसे बेचे जाने का आरोप लगाया था। इसके बाद सामूहिक दुष्कर्म का शिकार होने पर पीड़िता ने न्याय दिलाने की मांग करते हुए पुलिस को तहरीर दी थी। पुलिस ने शिकायती पत्रों पर जांच की और आरोपों को निराधार बताकर रद्दी की टोकरी में डाल दिया। इसके बाद उसने पुलिस के उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई। अधिकारियों ने थाना प्रभारी को जांच करने के आदेश दिए। इसके बाद भी आरोपितों पर कार्रवाई नहीं हो पाई। पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करना भी उचित नहीं समझा। पूर्व थाना प्रभारी मुकेश कुमार और वर्तमान थाना प्रभारी राजेश भारती से न्याय की उम्मीद खो चुकी पीड़िता को आरोपितों द्वारा बार-बार परेशान किए जाने के बाद उसने 28 अप्रैल को आत्मदाह करने का प्रयास किया। फिलहाल उसका दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में उपचार हो रहा है। आत्मदाह के प्रयास के बाद मामला सुर्खियों में आया तो पुलिस ने आनन-फानन में मुकदमा दर्ज कर अपनी जान बचाने की कोशिश की। मंगलवार को पुलिस आरोपितों के परिजन और पीड़िता के परिजन से संपर्क करती रही, लेकिन आरोपितों की गिरफ्तारी का प्रयास अब तक नहीं किया गया। पुलिस अधीक्षक ने पीड़िता द्वारा अब तक दिए गए प्रार्थना पत्रों जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस क्षेत्राधिकारी राजेश कुमार का कहना है कि बाबूगढ़ थाना प्रभारी मामले की विवेचना कर रहे हैं।
जांच के लिए मुरादाबाद गई पुलिस टीम
पीड़िता के आत्मदाह के प्रयास के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने एक टीम मुरादाबाद रवाना कर दी है। यह टीम जांच करेगी कि पीड़िता ने आग कहां लगाई और उसे किस अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस जांच में मुरादाबाद पुलिस की भी मदद ली जाएगी। बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने 15 नामजद समेत 16 लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़िता ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 23 नवंबर 2018 से गांव निवासी युवक के साथ लिव-इन-रिलेशन में रह रही थी। पिछले दिनों उसने उस युवक से विवाह कर लिया। वह पिछले कई माह से जनपद मुरादाबाद के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में किराए के मकान में रह रही है। उसने पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने से क्षुब्ध होकर 28 अप्रैल को आत्मदाह करने का प्रयास किया था। पुलिस क्षेत्राधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि यह टीम जांच करेगी कि पीड़िता ने जिस समय स्वयं को आग लगाई थी, उस समय घटनास्थल पर कोई प्रत्यक्षदर्शी था अथवा नहीं। आग किसने बुझाई और झुलसने के बाद पीड़िता को किसने अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी या नहीं। मुरादाबाद पुलिस को सूचना मिली तो उसने क्या कदम उठाए।