जिसे लगाता है कि उसको शनि या अन्य किसी ग्रह की बाधा है, साढ़े साती, अढ़ाय्या या राहु की महादशा चल रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं। जिन पर हनुमानजी की कृपा होती है, उसका शनि और यमराज भी बाल बांका नहीं कर सकते। आप प्रति मंगलवार हनुमान मंदिर जाएं और शराब व मांस के सेवन से दूर रहें। इसके अलावा शनिवार को सुंदरकांड या हनुमान चालीसा पाठ करने से शनि भगवान आपको लाभ देने लगेंगे। शनिवार को हनुमान मंदिर में जाकर हनुमानजी को आटे के दीपक लगाएं। अब जाने की क्या कारण है कि हनुमान भक्त और हनुमानजी की ओर शनिदेव देखते भी नहीं है।
जिसे लगाता है कि उसको शनि या अन्य किसी ग्रह की बाधा है, साढ़े साती, अढ़ाय्या या राहु की महादशा चल रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं। जिन पर हनुमानजी की कृपा होती है, उसका शनि और यमराज भी बाल बांका नहीं कर सकते। आप प्रति मंगलवार हनुमान मंदिर जाएं और शराब व मांस के सेवन से दूर रहें। इसके अलावा शनिवार को सुंदरकांड या हनुमान चालीसा पाठ करने से शनि भगवान आपको लाभ देने लगेंगे। शनिवार को हनुमान मंदिर में जाकर हनुमानजी को आटे के दीपक लगाएं। अब जाने की क्या कारण है कि हनुमान भक्त और हनुमानजी की ओर शनिदेव देखते भी नहीं है।
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2. एक बार हनुनामजनी ने शनिदेव को रावण की कैद से मुक्त कराया था तब शनि भगवान ने वचन दिया था कि मैं आपके किसी भी भक्त पर अपनी कृपा बनाए रखूंगा।
3. पराशर संहिता में हनुमानजी की शादी का उल्लेख है। माना जाता है कि हनुमानजी का सांकेतिक विवाह सूर्य की पुत्री सुवर्चला से हुआ था। आंध्रप्रदेश के खम्मम में एक प्राचीन हनुमान मंदिर है जहां हनुमान जी के साथ उनकी पत्नी की भी मूर्ति विराजमान है। शास्त्रों में शनि महाराज को सूर्य का पुत्र बताया गया है। इस नाते हनुमान जी की पत्नी सुवर्चला शनि महाराज की बहन हुई। और सबके संकट दूर करने वाले हनुमान जी भाग्य के देवता शनि महाराज के बहनोई हुए।चंद्रमा को हनुमानजी ने शनि से बचाया था तो वे चंद्रशेखर कहलाए थे।