पशु चिकित्सा विभाग के फैजाबाद परिक्षेत्र में वर्ष 1995 में नियुक्त हुए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अब अपना कार्यभार ग्रहण कर सकेंगे।

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की सख्ती के बाद विभाग ने आश्वासन दिया कि उक्त कर्मचारियों को उनका कार्यभार ग्रहण करा दिया जाएगा। विभाग के आश्वासन के बाद न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि 2 सितम्बर तक कर्मचारियों को कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जाता है तो अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है।
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने धर्मेंद्र कुमार समेत 13 कर्मचारियों की याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया। याचियों की ओर से कहा गया कि 26 नवम्बर 1995 को उनके चयन सम्बंधी आदेश उप निदेशक, पशु चिकित्सा विभाग, फैजाबाद परिक्षेत्र ने पारित किया था।
लेकिन उक्त चयन में अनियमितता की बात कहते हुए, 27 दिसम्बर 1995 को सचिव, पशुपालन विभाग ने चयन सम्बंधी आदेश को रद्द कर दिया। इसके बाद मामला न्यायालय पहुंचा। न्यायालय ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए, उक्त पदों को याचिकाओं के निस्तारण तक न भरे जाने का निर्देश दिया।
24 जनवरी 2019 को एकल पीठ ने याचियों के पक्ष में फैसला देते हुए, सचिव का 27 दिसम्बर 1995 का आदेश निरस्त कर दिया व याचियों को कार्यभार ग्रहण कराने का आदेश दिया। एकल पीठ के उक्त आदेश को राज्य सरकार की ओर से विशेष अपील दाखिल करते हुए, डिवीजन बेंच के समक्ष चुनौती दी गई। डिवीजन बेंच ने एकल पीठ का निर्णय बरकरार रखा।
सुप्रीम कोर्ट ने भी एकल पीठ के आदेश को सही माना। आदेश के बावजूद कार्यभार ग्रहण न कराने पर, अवमानना दाखिल की। सुनवाई के दौरान न्यायालय की सख्ती को देखते हुए, संयुक्त सचिव, पशुपालन विभाग वेद प्रकाश राजपूत ने सरकारी वकील के जरिये याचियों को कार्यभार ग्रहण कराने का आश्वासन दिया।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal