अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई और उपप्रतिनिधि सारा बियान्ची 22 नवंबर को भारत आएंगे। यहां वे सरकार के अधिकारियों से मिलेंगे और हिंद प्रशांत क्षेत्र व दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगे। ये दोनों 15 नवंबर को जापान की राजधानी टोक्यो और 18 नवंबर को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल भी जाएंगे। इसके बाद 24 नवंबर को ताई और बियान्ची वाशिंगटन वापस लौट जाएंगी।

हाल में ही अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई से चीन के शीर्ष व्यापार वार्ताकार ल्यू ही ने पहले चरण के व्यापार करार पर बातचीत की। अमेरिकी-चीनी ताई धाराप्रवाह मंदारिन बोल सकती हैं और वह इससे पहले अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के लिए चीनी व्यापार प्रवर्तन की देखरेख कर चुकी हैं।
पिछले माह भारत केंद्रित एक शीर्ष व्यापार वकालत समूह की अध्यक्ष ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों में एक मुक्त व्यापार समझौता अगला मोर्चा है और यह दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए तर्कसंगत नहीं है कि उनके बीच एक व्यापार संरचना नहीं है, हालांकि इसका रास्ता हर तरह की बाधाओं से भरा हुआ है।
यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) की अध्यक्ष और पूर्व अमेरिकी राजनयिक निशा देसाई बिस्वाल ने पिछले माह इंडियास्पोरा द्वारा आयोजित एक रात्रिभोज में हिस्सा लिया और दोनों देशों के व्यापार संबंध पर ये टिप्पणियां कीं।
उन्होंने कहा, ‘समय आ गया है कि हम इस बारे में गंभीर हों कि अमेरिका-भारत संबंधों में अगला मोर्चा क्या है। और न तो अमेरिका के लिए, न ही भारत के लिए, दुनिया की इन दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए टीपीपी (ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप) से बाहर होना तथा उन दोनों के बीच व्यापार संरचना का न होना तर्कसंगत है।’
टीपीपी पैसेफिक रिम (प्रशांत महासागर से लगा भौगोलिक क्षेत्र) के देशों की एक व्यापार पहल है। इसके 11 सदस्यों में आस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, कनाडा, चिली, जापान, मलेशिया, मेक्सिको, पेरू, सिंगापुर, वियतनाम और न्यूजीलैंड शामिल हैं।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal