आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में सदस्यता अभियान चलाएगी। पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी जानकारी। उन्होंने कहा कि मोबाइल नंबर 98710 10101 पर मिस कॉल कर पार्टी की सदस्यता ली जा सकती है।
उन्होंने बताया कि जल्द ही पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं को जोड़ने के लिए रैली निकाली जाएगी, जो सभी विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। उन्होंने कहा कि वह खुद भी इस रैली के साथ प्रदेश की सभी विधानसभाओं का भ्रमण करेंगे। पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
आम आदमी पार्टी (आप) के नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया गुरुवार को दून पहुंचे। रात को उन्होंने कुछ पदाधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा की। आप ने तीन बार के विधायक दिनेश मोहनिया को उत्तराखंड का प्रदेश प्रभारी बनाया है। उन्हें राकेश सिन्हा के स्थान पर जिम्मेदारी सौंपी गई।
दिल्ली में प्रचंड बहुमत के साथ तीसरी बार सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी (आप) उत्तराखंड में भी सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है लेकिन यहां पार्टी की राह आसान नहीं होने वाली। राज्य में दो चुनाव लड़ चुकी पार्टी को अब भी जीत का खाता खुलने का इंतजार है।
उत्तराखंड और दिल्ली के बीच सबसे बड़ा अंतर भौगोलिक स्थिति का है। दिल्ली में जहां लोगों के बीच पहुंचना आसान है, वहीं उत्तराखंड में स्थिति एकदम उलट है। विशेषकर नौ पहाड़ी जिलों में वोटरों तक पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। पार्टी 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में जगह बनाने की कोशिश में जुटी है।
हालांकि अब तक उसे सफलता नहीं मिली है। दूसरी ओर करीब छह वर्ष के लंबे अंतराल के बावजूद पार्टी संगठन को भी मजबूत नहीं कर पाई है। ज्यादातर जिलों में केवल नाममात्र का संगठन है। ऐसे में दूर-दराज के मतदाताओं तक पहुंचने के लिए पार्टी को कड़ी मेहनत करनी होगी।
उत्तराखंड और दिल्ली के मुद्दे भी काफी अलग हैं। दिल्ली में जहां बिजली, पानी, वाई-फाई, स्वास्थ्य सेवाएं, पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे मुद्दे हावी रहे, वहीं उत्तराखंड में रोजगार, पलायन, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे मुद्दे सबसे ज्यादा प्रभावी हैं।
आप ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी पांचों सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन पार्टी का खाता नहीं खुल सका। कुछ सीटों पर पार्टी ने उल्लेखनीय प्रदर्शन जरूर किया।
2017 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के तत्कालीन प्रदेश प्रभारी विवेक यादव सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करते रहे लेकिन एक भी सीट पर प्रत्याशी नहीं उतार पाई। इसके बाद दून नगर निगम चुनाव में पार्टी ने मेयर और कुछ पार्षद प्रत्याशी उतारे लेकिन उनके हाथ भी जीत नहीं लगी।