देश में नकदी की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए 500 रुपए के नोटों की छपाई में तेजी लाई गई और प्रतिदिन 3,000 करोड़ रुपए कीमत के नोट छापे जा रहे हैं.यह किसी भी मांग के मुकाबले काफी ज्यादा है. इससे लोगों की लेनदेन की मांग का ध्यान रखा जा रहा है. वहीं, सरकार ने 2000 रुपए के नोटों की प्रिंटिंग बंद कर दी है. ये बात सरकार के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 2,000 रुपए के करीब 7 लाख करोड़ रुपए की मुद्रा चलन में है. ये पर्याप्त मात्रा से अधिक और इसके चलते अब 2,000 रुपए के नए नोट जारी नहीं किए जा रहे हैं.
500 के नोट का हर दिन उत्पादन 3,000 करोड़ रुपए
सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि 500 रुपए का नोट पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति किया गया है. हमने इसका उत्पादन प्रतिदिन 2,500 से 3,000 करोड़ रुपए तक बढ़ा दिया है. यह किसी भी मांग के मुकाबले काफी ज्यादा है.
500, 200 और 100 के नोट सुविधाजनक
आर्थिक मामलों के सचिव गर्ग ने कहा कि देश में नकदी की स्थिति “संतोषजनक” है और अतिरिक्त मांग को पूरा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 500, 200 और 100 रुपए के नोट लेनदेन के लिए काफी सुविधाजनक साधन हैं.
2,000 रुपए के नए नोट और नहीं
2,000 रुपए के करीब 7 लाख करोड़ रुपए की मुद्रा चलन में है, जो कि पर्याप्त मात्रा से अधिक और यही वजह है कि 2,000 रुपए के नए नोट जारी नहीं किए जा रहे हैं.
2,000 का नोट सुविधाजनक नहीं
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा, ”500, 200 और 100 रुपए के नोट आम लोगों के बीच लेनदेन का माध्यम हैं. लोग इनका अधिक इस्तेमाल करते हैं, उन्हें 2,000 रुपए का नोट अधिक सुविधाजनक नहीं लगता है.
मुद्रास्फीति में कोई असाधारण वृद्धि नहीं
आर्थिक मामलों के सचिव गर्ग ने कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियादी स्थिति इस समय ब्याज दर में वृद्धि की जरूरत नहीं बताते हैं. इस समय मुद्रास्फीति में कोई असंगत वृद्धि या उत्पादन में असाधारण वृद्धि नहीं हो रही है.
देश में नकदी की स्थिति बेहतर
सचिव ने कहा कि उन्होंने पिछले सप्ताह देश में नकदी की स्थिति की समीक्षा की थी और 85 प्रतिशत एटीएम पूरी तरह से कार्य कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पूरे देश में नकदी की स्थिति बेहतर है. पर्याप्त मात्रा में नकदी की आपूर्ति की जा रही और अतिरिक्त मांग को भी पूरा किया जा रहा है. मुझे नहीं लगता है कि इस समय नकदी का कोई संकट है