2012 Delhi Nirbhaya case: 16 दिसंबर, 2012 के निर्भया केस मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। निर्भया के चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की फांसी के खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ बुधवार सुबह 10:30 बजे सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान स्वयं को मामले की सुनवाई से अलग कर लिया है।
बता दें कि मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस आर भानुमति और अशोक भूषण की पीठ ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने इस केस से खुद को अलग करने के साथ एक नई पीठ का गठन किया है, जो बुधवार को सुनवाई करेगी।
बता दें कि अक्षय ने अपनी याचिका में कहा है कि वायु और जल प्रदूषण के चलते दिल्ली में लोगों की उम्र वैसे ही कम हो रही है। सुप्रीम कोर्ट दुष्कर्म पीड़िता की मां का पक्ष भी सुनेगा, जिन्होंने अक्षय की पुनर्विचार याचिका का विरोध करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल नौ जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के तीन अन्य दोषियों-मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि 2017 के मृत्युदंड के फैसले पर पुनर्विचार करने का कोई आधार नहीं है।
बताया जा रहा है कि यह बेहद अहम सुनवाई होगी, क्योंकि पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन मौत के बेहद करीब पहुंच जाएंगे, क्योंकि दिल्ली सरकार के बाद गृहमंत्रालय भी दया याचिका खारिज कर चुका है। ऐसे राष्ट्रपति के पास से दया याचिका खारिज होने के बाद चारों दोषियों अक्षय, विनय, पवन और मुकेश के पास कोई विकल्प नहीं बचेगा।
वहीं, मंगलवार को होने वाली सुनवाई को लेकर निर्भया की मां का कहना है कि हमें पूरा विश्वास है कि न्याय मिलेगा, इसके सिवाय कोई विकल्प नहीं है। अगर उन्नाव मामले में कुलदीप सिंह ओर निर्भया मामले में दोषियों को फांसी मिले तो समाज में अच्छा संदेश जाएगा।
इस बीच खबर आ रही है कि तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से एक दोषी विनय शर्मा की दया याचिका को लेकर अहम बयान आया है। तिहाड़ जेल की ओर से कहा जा रहा है कि विनय ने राष्ट्रपति के पास भेजी जिस दया याचिका को झूठा कहा था, वह सही है।
बताया जा रहा है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने एक दोषी विनय शर्मा को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय को एक रिपोर्ट भेजी है। इसमें कहा गया है कि इस याचिका को अधिकारियों की मौजूदगी में विनय ने भरा था। दरअसल, पिछले दिनों विनय शर्मा ने यह कहकर सनसनी मचा दी थी कि उसने कोई दया याचिका राष्ट्रपति के पास नहीं भेजी है। तिहाड़ जेल प्रशासन के इस खुलासे के बाद यह तय हो गया है कि विनय शर्मा की दया राष्ट्रपति के लंबित है।
गौरतलब है कि सात साल पहले 16 दिसंबर, 2012 में दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ दरिंदगी हुई थी। राम सिंह, मुकेश, विनय, पवन और अक्षय के साथ एक अन्य दोषी की दरिंदगी की शिकार निर्भया ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।