वर्ष 2018 में एंटी ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 15 किलोग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में पंजाब पुलिस का एक सेवानिवृत्त डीएसपी को भी नामजद किया था। पुलिस ने आरोपी के पास से एक .32 बोर की रिवॉल्वर और 18 जिंदा कारतूस भी बरामद हुए थे।
मोहाली जिला अदालत ने 15 किलो अफीम मामले में पूर्व डीएसपी सहित तीन लोगों को दोषी करार देते हुए 12 साल कैद सुनाई है। मोहाली के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दोषी रिटायर्ड डीएसपी हकीकत राय, स्वर्ण सिंह और विक्रमनाथ को डेढ़ लाख रुपये जुर्माना भी किया है।
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने वर्ष 2018 में उक्त तीनों के खिलाफ एसटीएफ थाना फेज-4 में एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। यह मामला मोहाली अदालत में विचाराधीन था। पिछली सुनवाई दौरान तीनों को दोषी करार दिया गया था। अदालत ने छह साल बाद इस मामले में फैसला सुनाया है।
वर्ष 2018 में एंटी ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 15 किलोग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में पंजाब पुलिस का एक सेवानिवृत्त डीएसपी को भी नामजद किया था। पुलिस ने आरोपी के पास से एक .32 बोर की रिवॉल्वर और 18 जिंदा कारतूस भी बरामद हुए थे। हकीकत राय सिंह जो 2015 में डीएसपी के पद से सेवानिवृत्त हुआ था, नारायणगढ़ निवासी स्वर्ण सिंह और फतेहगढ़ साहिब जिले के गांव बदोशी कलां के निवासी बिक्रमनाथ को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।
आरोपियों को झारखंड से तरल अफीम लाते समय मोहाली फेज- 3/5 लाइट पॉइंट के पास से गिरफ्तार किया गया था। उस समय एसटीएफ के एआईजी हरप्रीत सिंह ने बताया था कि बिक्रमनाथ बदोशी कलां में डेराबाबा जसवंत नाथ का प्रमुख है। हकीकत को मोहाली के कई पुलिस स्टेशनों के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) के रूप में तैनात किया गया था और उन्होंने सुखविंदरजीत सिंह की पत्नी, नेकी नलवा और उसके दोस्त हिम्मत सिंह उर्फ ब्रांडी को गिरफ्तार करके सुखविंदरजीत सिंह की हत्या के मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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