आपने ‘जाको राखे साईयां मार सके न कोय’ वाली कहावत तो सुनी ही होगी. जिसके साथ भगवान हो, उसका मौत भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती.
15 हजार फुट की ऊंचाई से गिरा जवान
ऐसा ही कुछ एक ब्रिटिश सैनिक (British Soldier) के साथ भी हुआ. वह 15 हजार फुट की ऊंचाई से जमीन पर गिरा और फिर भी सुरक्षित बच गया. इस घटना में उसके पैरों में चोट आई है. जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. मौत को इतने नजदीक से मात देने वाली इस घटना पर लोग अचंभा जता रहे हैं.
पैरा जंपिंग की ट्रेनिंग ले रहे थे जवान
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की स्पेशल फोर्स के जवान (British Soldier) अमेरिका (USA) के कैलिफोर्निया (California) में पैरा जंपिंग (Para Jumping) की ट्रेनिंग ले रहे थे. सभी जवानों को हवाई जहाज से 15 हजार फुट की ऊंचाई पर ले जाकर पैरा-ड्रॉप करवाई गई. सभी जवानों ने अपनी बारी आने पर एक-एक करके नीचे जंप लगा दी. जमीन से कुछ हजार फुट की ऊंचाई रहने पर जवानों ने अपने पैराशूट (Parachute) खोल दिए और सुरक्षित जमीन की ओर उतरने लगे.
हवा में जाम हो गया पैराशूट
उन्हीं जवानों में से एक सोल्जर का पैराशूट (Parachute) हवा में जाम हो गया. उसने आगे बंधे रिजर्व पैराशूट को खोलने की कोशिश की तो वह आधा खुलकर उलझ गया. वह जवान तेज स्पीड के साथ जमीन की ओर गिर रहा था और उसके दोनों पैराशूट में से कोई भी खुल नहीं पाया था. 15 हजार फुट की ऊंचाई से जमीन पर टकराते ही उसकी मौत निश्चित थी. यह बात वह जवान भी समझ गया था और उसने प्रभु को याद कर अपनी आंख बंद कर ली.
खपरैल की छत पर गिरा जवान
उसी दौरान बड़ा चमत्कार हुआ. वह जवान (British Soldier) जमीन पर टकराने के बजाय एक मकान की छत पर टकराया. वह मकान खपरैल की छत का बना हुआ था. मकान की छत तोड़ते हुए जवान घर की रसोई में जा गिरा. उस वक्त मकान मालिक घर पर नहीं थे. आस-पड़ोस के लोगों ने तेज आवाज सुनी तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने छत से झांककर देखा तो अंदर जवान बेसुध पड़ा था.
बेसुध हुआ जवान, पैर में लगी चोट
इसके बाद ताला तोड़कर जवान (British Soldier) को बाहर निकाला गया. जवान के पैरों में से खून बह रहा था. हालांकि शरीर के बाकी हिस्से देखने में सुरक्षित लग रहे थे. इसके बाद सोल्जर को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी हालत अभी स्थिर बनी हुई है.
पुलिस के मुताबिक सोल्जर की जान खपरैल की छत ने बचा ली. उसने ऊंचाई से गिर रहे जवान की स्पीड कम कर दी और फिर छेद होने की वजह से वह कम रिस्क के साथ नीचे गिर गया. अगर जवान लिंटर की छत पर गिरा होता तो उसकी मौत निश्चित थी.