अयोध्या को इक्ष्वाकुपुरी बनाने की तैयारी कर ली गई है. 15 जनवरी के बाद श्रीराम मंदिर निर्माण की जोर-शोर से तैयारी शुरू होगी. राम मंदिर का सिंह द्वार परिसर के पूर्वी द्वार पर बनेगा, जो अयोध्या-फैजाबाद रोड पर स्थित है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और राम मंदिर निर्माण समिति, राम जन्मभूमि परिसर को वैदिक सिटी के रूप में विकसित करने की तैयारी में जुटी है.

भगवान राम की जलसमाधि वाले स्थान सरयू के गुप्तारघाट से रामजन्मभूमि तक इक्ष्वाकुपुरी परियोजना 1,900 एकड़ क्षेत्र में विकसित की जाएगी. अयोध्या हाईवे से एक फोर लेन सड़क प्रस्तावित है, जो इक्ष्वाकुपुरी को जोड़ेगी. इसमें एक ओर सरयू नदी के किनारे रिवर फ्रंट का विकास किया जाएगा.
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दो दिनों की बैठक के साथ-साथ तैयारियों का भी जायजा लिया. अयोध्या से बलरामपुर राजमार्ग को विकसित किया जाएगा. इक्ष्वाकुपुरी में योगी सरकार भजन संध्या स्थल, दशरथ महल, सत्संग भवन, यात्री सहायता केंद्र, रैन बसेरा, रामकथा पार्क का विस्तारीकरण और क्वीन हो मेमोरियल पार्क निर्माण करने जा रही है.
अयोध्या और गोंडा को मिलाते हुए 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का विकास किया जाएगा, जिसके जरिये पर्यटकों का नेपाल सीमा से सटे वन्य जीव विहारों के साथ शक्तिपीठ देवीपाटन तक पहुंचना आसान होगा. अयोध्या में इक्ष्वाकुपुरी को दो भागों में बांटा जाएगा. पहले भाग में वेदों, पुराणों, धर्मशास्त्रों के नाम से अलग-अलग संकुल होंगे, जहां पर्यटकों को इससे संबंधित जानकारी ऑडियो -विजुअल के माध्यम मिलेगी.
इस आध्यात्म नगरी में मुनियों-ऋषियों के नाम से आश्रम बनाएं जाएंगे, जहां लोग योग साधना, कर्मकांड देख व कर सकेंगे और प्रवास कर सकेंगे. परियोजना पर काम कर रहे अधिकारियों का कहना है कि सड़कों के दोनों ओर आवश्यक जनसुविधाओं, जैसे- पेयजल, शौचालय आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. वाहनों के लिए मल्टीलेवेल पार्किंग का निर्माण अंतिम दौर में है. सौंदर्यीकरण के साथ ही अयोध्या में बेहतर मार्ग प्रकाश व्यवस्था के लिए अंडरग्राउंड केबलिंग कराई जा रही है.
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