'ओमर्टा': फिल्‍म तो आपने देख ली लेकिन क्‍या आपको इसका मतलब पता चला?

‘ओमर्टा’: फिल्‍म तो आपने देख ली लेकिन क्‍या आपको इसका मतलब पता चला?

इस शुक्रवार को भारत में ‘ओमर्टा'(Omerta) फिल्‍म रिलीज हुई. लंदन स्‍कूल ऑफ इकोनॉमिक्‍स(एलएसई) के छात्र रहे उमर शेख सईद के आतंकी बनने और उसकी कई साजिशों को यह फिल्‍म सिलसिलेवार ढंग से पेश करती है. वास्‍तव में यह एक आम आदमी के जिहादी बनने के विचारधारात्‍मक पहलू को भी उजागर करती है. वह हमारी समझ में सही या गलत हो सकता है लेकिन एक व्‍यक्ति की मनोस्थिति या मनोविदलन को यह फिल्‍म रेखांकित करती है कि किस तरह एक व्‍यक्ति जो बोस्निया में अपने मुस्लिम भाई-बहनों को मरते देख विचलित हो जाता है लेकिन वही संवेदनशील व्‍यक्ति एक पत्रकार का तकरीबन एक मिनट तक वीभत्‍स तरीके से गला रेतने के बाद अपने चश्‍मे को पोंछते हुए आराम से मुस्‍कुराता है. 'ओमर्टा': फिल्‍म तो आपने देख ली लेकिन क्‍या आपको इसका मतलब पता चला?

हालांकि इन सबके बीच इस फिल्‍म में सबसे खास चीज जो लोगों को सिनेमाघर तक खींचकर ले गई, वह इस फिल्‍म का टाइटल रहा. ऐसा इसलिए भी क्‍योंकि आम बॉलीवुड फिल्‍मों से ‘ओमर्टा’ टाइटल एकदम अलग है. हम लोगों की साइकी में इस तरह की क्राइम/ड्रामा जोन की मूवी में इस तरह के टाइटल फिल्‍म में जरूर कहीं न कहीं किसी कोड के रूप में इस्‍तेमाल किए जाते हैं. इसलिए कई लोग पूरी फिल्‍म में इस टाइटल को घटित होते देखने के लिए दम साधे बैठे रहे. लेकिन फिल्‍म खत्‍म हो गई और इसका जिक्र कहीं नहीं आया. सो, कई लोगों को अर्थ समझ नहीं आया और कई तो यह कहते हुए सिनेमाहॉल से बाहर निकले कि इस फिल्‍म का टाइटल ‘ओमेर्टा’ क्‍यों हैं? कुछ ने भी कहा कि फिल्‍म का इस टाइटल से ही कोई लेना-देना नहीं है. इस अर्थ में फिल्‍म के टाइटल में दिलचस्‍पी का बढ़ना स्‍वाभाविक ही है.

ओमर्टा
यह इतालवी भाषा का शब्‍द है. यह एक तरह की शपथ है जिसका इस्‍तेमाल वास्‍तव में इटली के माफिया अपने सदस्‍यों की शपथ के रूप में करते रहे हैं. यानी कि जिन आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया गया है, उनके राज को बनाए रखने की शपथ जिसको किसी भी सूरत में पुलिस के सामने उजागर नहीं करना है. यानी कि यह गैंग के प्रति वफादार बने रहने के लिए एक तरह का कोड ऑफ साइलेंस है. आतंकवादी या माफिया की भाषा में इसे एक तरह का वादा भी कहा जा सकता है.

फिल्‍म में भी उमर सईद शेख(राजकुमार राव) जब तिहाड़ जेल में बंद होता है तो यातनाओं के बीच अपने साथी से कहता है, ‘वे हमें मार सकते हैं लेकिन तोड़ नहीं सकते.’ इसके साथ-साथ उमर सईद शेख का पूरी फिल्‍म में किसी भी वक्‍त अपने कृत्‍यों या समझ के प्रति निराशा या पछतावा जाहिर नहीं करना एक तरह से ‘ओमेर्टा’ के भाव को ही प्रदर्शित करता है. सही-गलत की पहचान से परे अपने किए पर दृढ़-निश्‍चयी बने रहना एक तरह से ओमर्टा के भाव को ही दर्शाना है. संभवतया इसीलिए उमर शेख सईद  अपने कृत्‍यों के‍ लिए फिल्‍म में अपने पिता और पत्‍नी से खुद के लिए सम्‍मान की अपेक्षा भी करता है.

स्‍टोरी
‘ओमर्टा’ फिल्‍म की कहानी उमर शेख सईद पर आधारित है. सईद ने साल 2002 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल को पाकिस्तान में किडनैप करवाया था और उसकी हत्या करवा दी थी. विदेशी पत्रकार की हत्या करने के आरोप में उमर को मौत की सजा भी सुनाई गई लेकिन उसको अभी तक फांसी नहीं दी जा सकी. वह आज भी जिंदा है और पाकिस्‍तान की जेल में बंद है.

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