योगी सरकार ने जल निगम भर्ती घोटाले में एसआईटी रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं, रिपोर्ट ने आज़म खान पर 2016-17 में 1300 पदों पर भर्ती में गड़बड़ी करने के आरोप को सही बताया गया है, आज़म खान उस समय जल निगम के भर्ती बोर्ड के चेयरमैन पद पर थे. योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद ही उन्होंने एसआईटी को इस मामले की जांच के आदेश दे दिए थे.
हालांकि एसआईटी की पूछताछ के दौरान आज़म खान ने कहा था कि ‘मेरे ऊपर न कभी कोई दाग था, न है और न ही कभी होगा. इससे बड़ा सवाल क्या होगा कि मौजूदा सरकार ने कम से कम मेरे मुंह पर कालिख तो लगा ही दी. मैं बीजेपी सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिसने ऐसे आदमी पर इल्जाम लगाया है, जिसने आज तक एक मोटर तक भी नहीं खरीदी. उसके दामन और चेहरे पर कालिख लगाई है.’
योगी सरकार के इस कदम के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी आज़म खान के समर्थन में सामने आए थे, उन्होंने आज़म का बचाव करते हुए उल्टा योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मौजूदा सरकार एजेंसियों का इस्तेमाल करके आज़म खान को मानसिक रूप से प्रतिदित करने की कोशिश कर रही है, आपको बता दें कि आज़म खान पर आरोप था कि उन्होंने 122 सहायक अभियंता, 853 अपर अभियंता समेत कुल 1300 पदों पर गैरकानूनी रूप से भर्तियां की थी, जिसे एसआईटी जांच में सही पाया गया.