वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) 12 नवंबर को बिहार का दौरा करेगी, जहां वह इस मुद्दे पर हिंदू और मुस्लिम समुदाय के अलग-अलग संगठनों, आम आदमी और अन्य हितधारकों की राय लेगी।
हिंदू समुदाय के कुल 25 संगठन रखेंगे अपने विचार
राष्ट्रीय सामाजिक न्याय मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र चौहान ने शुक्रवार को बताया कि हिंदू समुदाय के कुल 25 संगठन वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 के मुद्दे पर जेपीसी के समक्ष अपने विचार रखेंगे। उन्होंने कहा कि महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव किशोर कुणाल और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी जेपीसी के समक्ष अपने विचार रखने वालों में शामिल हैं।
उपेंद्र चौहान ने वक्फ बोर्ड को भंग करने की वकालत करते हुए कहा, ‘विभाजन के दौरान पाकिस्तान से आए हिंदू समुदाय की संपत्तियों पर वहां के मुसलमानों ने कब्जा कर लिया था इसलिए भारत से पाकिस्तान गए मुसलमानों की संपत्तियों पर भी हिंदुओं या भारत सरकार का कब्जा होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि भारत में ऐसे संगठनों की कोई जरूरत नहीं है। मुस्लिम समुदाय के संगठन, हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के व्यक्ति और विद्वान तथा अन्य हितधारक जेपीसी के बिहार दौरे के दौरान उसके समक्ष अपने विचार रखेंगे। जेपीसी 12 नवंबर को बिहार आएगी और 13 नवंबर को वापस लौटेगी।