Lalu Prasad Yadav चारा घोटाले के मामले में सजा सुनाते हुए वर्ष 2018 में रांची की विशेष सीबीआइ अदालत के जज शिवपाल सिंह ने लालू की मकर संक्रांति मनाने की गुहार पर कहा था…लालूजी जेल में आपके लिए दही-चूड़ा का इंतजाम हो जाएगा। तब कोर्ट में लालू प्रसाद की सकरात मनाने की चर्चा करते हुए कहा था कि हुजूर! हमारे यहां सकरात-मकरात बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। जेल भेज दीजिएगा तब मकर संक्रांति कैसे मनाएंगे, दही-चूड़ा कैसे खाएंगे।
पर्व-त्योहारों को अपने खास अंदाज में मनाने के लिए देशभर में चर्चित राजनेता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक बार फिर जेल में ही मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2020) मनाएंगे। बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल के कैदी नंबर 3351 लालू के लिए यह लगातार तीसरा साल होगा, जब वे रांची के रिम्स में सकरात में दही-चूड़ा और तिल-गुड़ का आनंद लेंगे। हालांकि उनकी सेहत को देखते हुए डॉक्टरों ने अभी खान-पान पर कई पाबंदियां लगा रखी हैं, उन्हें कई खाद्य पदार्थों से दूर रखा जा रहा है। चिकित्सकों की देखरेख में वे प्राय: परहेज में रहते हैं। इस लिहाज से वे अबकी बार भी मकर संक्रांति पर डॉक्टरों से पूछकर ही सीमित मात्रा में दही-चूड़ा खाएंगे। इस बार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की गैर-हाजिरी में बिहार में उनकी पार्टी राजद की ओर से भी सकरात भोज का आयोजन नहीं किया गया है।
मालूम हो कि चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव बिहार में अपने आवास पर संक्रांति भोज के लिए भी खासे मशहूर रहे हैं। तब मुख्यमंत्री के अपने शासनकाल में लालू सकरात भोज के जरिये सियासी गलियारे में सामाजिक एकता का संदेश देते थे। इस भोज में दिग्गजों की जमात जुटती थी, और इसे सोशल इंजीनियरिंग के समीकरणों को साधने का बेहतर मंच माना जाता था।
अपने जमाने में ऐसे सकरात मनाते थे लालू
कतरनी चूड़ा, ढेला जैसा दही और आलू दम की तैयारी के साथ मकर संक्रांति पर चूड़ा-दही भोज करने वाले लालू प्रसाद अपने जमाने में संगी-साथियों और समर्थकों को बुलाकर सुबह से ही सकरात में रम जाते थे। नेता-कार्यकर्ता के साथ बिहार के कोने-कोने के आम-ओ-खास को सकरात भोज के लिए बजाप्ता आमंत्रण दिया जाता था। तब मकर संक्रांति पर एक पखवारे पहले से ही लालू आवास पर होने वाले भोज के लिए कतरनी चूड़ा का स्टॉक जुटाया जाता और ‘ढेला जैसा दही’ जमाने का प्रबंध होता था। चटपटे आलू दम और मीठे-कुरमुरे तिलकुट की भी खूब तैयारी होती थी।
वर्तमान में बतौर कैदी रांची के रिम्स में अपनी 11 गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे लालू प्रसाद यादव को रोजाना 80 यूनिट इंसुलिन दिया जा रहा है। वे किडनी फेल्योर, अनियमित ब्लड शूगर और रक्तचाप के उतार-चढ़ाव से जूझ रहे हैं। ऐसे में उनकी संक्रांति पर कमोबेश डाॅक्टरों की मर्जी भारी पड़ रही है। रिम्स में लालू की देखरेख करने वाली डॉक्टरों की टीम के हवाले से रिम्स निदेशक डॉ विवेक कश्यप ने बताया कि लालू की सेहत अब भी अस्थिर है। ऐसे में लालू को डायट चार्ट फॉलो करने की कड़ी हिदायत दी गई है।
सीबीआइ भी लालू की परेशानी बढ़ाने पहुंची सुप्रीम कोर्ट
इधर चारा घोटाले के देवघर कोषागार मामले में झारखंड हाई कोर्ट से मिली लालू प्रसाद यादव की जमानत को खारिज कराने केंद्रीय जांच एजेंसी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। इस मामले में लालू को आधी अवधि की सजा काट लेने के बिना पर उच्च न्यायालय ने जमानत दी है। जबकि सीबीआइ का कहना है कि निचली अदालत द्वारा एक हाई लेवल कांस्पिरेटर करार दिए जाने के बाद उसने लालू के लिए सजा बढ़ाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की है। ऐसे में लालू की जमानत को खारिज किया जाना चाहिए।
बता दें कि लालू समेत सात दोषियों को चारा घोटाले के देवघर मामले में उच्च स्तरीय साजिशकर्ता बताते हुए साढ़े तीन साल की सजा दी गई है। जबकि इसी मामले में डॉ जगदीश शर्मा समेत अन्य दोषियों को एक तरह के आरोपों में सात साल की सजा हुई है। सीबीआइ ने इसको आधार बनाते हुए हाई कोर्ट में दलील दी है कि लालू को भी सात साल की सजा दी जानी चाहिए।
सीबीआइ की इस याचिका को झारखंड हाई कोर्ट ने सुनवाई योग्य मानते हुए इस पर बहस की तारीख तय कर दी है। इधर चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में लालू को झटका देते हुए कुछ दिन पहले ही झारखंड हाई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। इस मामले में भी लालू ने आधी सजा काटने का हवाला देते हुए बेल देने की मांग की थी।