प्रतिस्पर्धा के इस युग में छोटे – बड़े सभी व्यवसायियों को न केवल जूझना पड़ता है , बल्कि अन्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.इससे हवाई कंपनियां भी अछूती नहीं है. ताजा मामला जेट एयरवेज का सामने आया है , जिसे इस साल मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में एकल शुद्ध घाटा 1,036 करोड़ रुपए का हुआ है.
बता दें कि इस बारे में जेट एयरवेज ने सेबी को दी गई जानकारी में बताया कि समीक्षावधि में उसकी आय 3.44% घटकर 6055 करोड़ रुपए रही, जबकि गत वर्ष समान तिमाही में यह आंकड़ा 6271.21 करोड़ रुपए रहा था. ईंधन के बढ़ते मूल्यों का प्रभाव इस कम्पनी पर भी पड़ा और जेट एयरवेज का ईंधन पर व्यय इस दौरान 31% बढ़कर 2,063.34 करोड़ रुपए रहा.
उल्लेखनीय है कि पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में जेट एयरवेज कंपनी का एकल शुद्ध घाटा 767.62 करोड़ रुपए रहा, जबकि गत वर्ष 2016-17 में इसे 1,482.52 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था.कहा जा सकता है कि इस वर्ष जेट एयरवेज के खर्च में तो इजाफा हुआ ही , साथ ही व्यवसाय के लिए अन्य प्रतिस्पर्धी हवाई कंपनियों से भी टक्कर लेनी पड़ी.इनमें एयर इण्डिया के अलावा इंडिगो और कई अन्य कंपनियां भी शामिल हैं
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