'102 नॉट आउट': हंसाएगी, गुदगुदाएगी और थोड़ा इमोश्‍नल कर जाएगी...

‘102 नॉट आउट’: हंसाएगी, गुदगुदाएगी और थोड़ा इमोश्‍नल कर जाएगी…

अमिताभ बच्‍चन और ऋषि कपूर, दोनों ही बॉलीवुड में अपनी सेकैंड इनिंग खेल रहे हैं. लगभग 21 सालों बाद दो जबरदस्‍त एक्‍टर्स की जोड़ी निर्देशक उमेश शुक्‍ला की फिल्‍म ‘102 नॉट आउट’ के लिए साथ आई है. ‘102 नॉट आउट’ में न तो देश-विदेश वाली जबरदस्‍त लोकेशंस हैं, न बहुत सारे किरदार. महज 1.24 मिनट की इस फिल्‍म में पर्दे पर अमिताभ बच्‍चन, ऋषि कपूर और जिमित त्रिवेदी ही नजर आएंगे, जो आपको ठहाके, प्‍यार, मस्‍ती जैसे कई इमोशन्‍स के झूले पर झुलाएंगे. इस फिल्‍म में तामझाम जैसा कुछ नहीं है, लेकिन एक सिंपल की कहानी और बाप-बेटे की इस अनोखी लव-स्‍टोरी को आप पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं.'102 नॉट आउट': हंसाएगी, गुदगुदाएगी और थोड़ा इमोश्‍नल कर जाएगी...

कास्‍ट: अमिताभ बच्‍चन, ऋषि कपूर, जिमित त्रिवेदी
डायरेक्‍टर: उमेश शुक्‍ला
रेटिंग: 3.5 स्‍टार

कहानी: यह कहानी है एक ऐसे बाप दत्तात्रे (अमिताभ बच्‍चन) की जो 102 साल का है और दुनिया में सबसे ज्‍यादा जीवित रहे चीन के व्‍यक्ति का रिकॉर्ड तोड़ना चाहता है. बेहद जिंदादिल दत्तात्रे का बोरिंग और बोझिल जिंदगी जी रहा बेटा है बाबूलाल (ऋषि कपूर), जो 75 साल का है और जिसने खुद को बुजुर्ग व्‍यक्ति के तौर पर स्‍वीकार कर दिया है. एक दिन दत्तात्रे घर आते ही घोषित करता है कि वह अपने 75 साल के बेटे को वृद्धाश्रम भेजेगा. यह सुनते ही बाबू बैचेन हो उठता है और अपने पिता से ऐसा न करने की गुहार लगाता है. अपने बेटे को वृद्धाश्रम न भेजने की ऐवज में यह पिता अपने बेटे के सामने कुछ शर्तें रखता है और उसे वह सारी शर्तें माननी पड़ती हैं. आखिर क्‍या हैं यह शर्तें और क्‍यों एक बाप, अपने बेटे के साथ यह सब कर रहा है, यह जानने के लिए तो आपको सिनेमाघर तक जाना होगा.

इमोश्‍ंस से भरी सिंपल कहानी 
‘102 नॉट आउट’ की कहानी काफी साधारण है, लेकिन इसे निर्देशक उमेश शुक्‍ला की तारीफ ही कहेंगे कि उन्‍होंने इस सिंपल से प्‍लॉट को मजेदार इमोशंस की चाशनी से सजा कर पेश किया है. फिल्‍म ज्‍यादा लंबी नहीं है, तो बोरियत महसूस नहीं होती. वरना तीन किरदारों और एक घर में बनाई गई इस फिल्‍म का हश्र खराब हो सकता था. फिल्‍म के पहले सीन से ही आपके चेहरे पर एक मुस्‍कान ठहर जाएगी और फर्स्‍ट हाफ आपको मुस्‍कान से सीधे हंसी और ठहाकों के सफर पर ले चलेगा. फर्स्‍ट हाफ में कई सीन ऐसे हैं, जहां जमकर हंसी आती है. लेकिन फिल्‍म का सेकंड हाफ हंसी के साथ ही फिल्‍म की तहें खोलने लगता है और आप कई तरह की भावनाएं महसूस करेंगे.

अमिताभ बच्‍चन और ऋषि कपूर दोनों ही जबरदस्‍त एक्‍टर हैं और ‘102 नॉट आउट’ से पहले भी इन दोनों को मजेदार बुजुर्गों के किरदार में देखा जा चुका है. जैसे फिल्‍म ‘कपूर एंड संन्‍स’ में ऋषि कपूर का मजेदार अंदाज और ‘पीकू’ के भास्‍कर दा बने अमिताभ. लेकिन ‘102 नॉट आउट’ के बाप-बेटे के किरदार में इन दोनों को देखकर एक बार भी आपको पुराने किरदार नहीं याद आएंगे. अमिताभ बच्‍चन की कॉमिक टाइमिंग मजेदार है, तो वहीं अपने अकड़ू अंदाज में ऋषि कपूर काफी अच्‍छे लगे हैं.

उमेश शुक्‍ला ने यह फिल्‍म एक गुजराती नाटक से प्रेरित होकर बनाई है. ऐसे में यह फिल्‍म भी काफी नाटकीय अंदाज में ही पर्दे पर नजर आई है. हां यह जरूर कह सकते हैं कि अगर आप अपने माता-पिता से दूर रह रहे हैं तो फिल्‍म के आखिर में सिनेमाघर से निकते हुए आपको उनसे एक बार बात करने का जरूर मन कर सकता है.

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