हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में नए बर्ड फ्लू वायरस से हड़कंप मच गया है। पौंग झील में मरे विदेशी परिंदों में नए वायरस फ्लू एबियन इन्फ्लूएंजा वायरस (एच5एन1) के लक्षण पाए गए हैं, जोकि पहले के बर्ड फ्लू में में पाए जाने वाले एच1एन1 की अपेक्षा काफी घातक बताए जा रहे हैं। इस नए वायरस का असर जहां पक्षियों पर होता है, वहीं दूसरे जानवरों के साथ-साथ यह वायरस इंसानों के लिए भी घातक है। इससे इंसानों की मौत तक हो सकती है। जानकारी के अनुसार जिला कांगड़ा में पिछले करीब एक सप्ताह से विदेशी पक्षियों के मरने का सिलसिला जारी था।
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग और वन्य प्राणी विभाग की टीमों ने सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भेजे थे, जिनकी रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। वहीं रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पौंग क्षेत्र में फैला वायरस नई किस्म का है। इस वायरस की पहचान फ्लू एबियन इन्फ्लूएंजा वायरस (एच5एन1) के रूप में हुई है। विशेषज्ञों की मानें तो यह वायरस पक्षियों के साथ-साथ अन्य जानवरों को भी अपने चपेट में ले सकता है। इसके अलावा मनुष्य प्रजाति के लिए भी घातक है। इससे पहले पौंग क्षेत्र में बर्ड फ्लू में एच1एन1 वायरस पाया गया था, जोकि केवल मात्र पक्षियों की प्रजातियों के लिए ही खतरनाक था।
पौंग क्षेत्र में पाया गया बर्ड फ्लू का वायरस एच5एन1 प्रजाति का है। यह वायरस पहले पाए जाने वाले वायरस से काफी खतरनाक है। वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश सरकार से इसकी टेस्टिंग सुविधा मुहैया करवाने की मांग की है। इस वायरस के इलाज से संबंधित आवश्यक दवाइयां स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में हैं। – डा. जीडी गुप्ता, सीएमओ, कांगड़ा।
कोरोना वायरस की चुनौतियों के बीच हिमाचल प्रदेश में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (एच5एन1) नाम के नए वायरस ने चिंताएं बढ़ानी शुरू कर दी हैं। यह वायरस संक्रमित पक्षियों और इंसानों दोनों के लिए बहुत खतरनाक है। ऐसे में विशेषज्ञों ने इससे बचाव के लिए सतर्क रहने और सामान्य लक्षण नजर आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करने की हिदायत दी है।
विशेषज्ञों की मानें तो सामान्य तौर पर वायरस इंसान में संक्रमित पक्षी या मुर्गे के बेहद निकट रहने से फैलता है। मुर्गे से किसी तरह भी संपर्क होने से वायरस मनुष्य को अपनी चपेट में ले सकता है। इंसानों में बर्ड फ्लू का वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिये प्रवेश करता है।
विशेषज्ञों ने संक्रमित पक्षियों से दूर रहने की सलाह दी है। मरे हुए पक्षियों से बिलकुल दूरी बनाने को कहा है। लोगों को नॉनवेज खाने से भी परहेज करने को कहा है। संक्रमण वाले क्षेत्र में जाने से बचाव करने को भी विशेषज्ञों ने प्राथमिकता दी है। सामान्य लक्षण नजर आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य जांच करवाने को कहा है।