दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान नाजी जर्मनी की परमाणु हथियारों की महत्वाकांक्षा को ध्वस्त करने वाले नार्वे के प्रतिरोधी सेनानी जाओचिम रोन्नेबर्ग का 99 साल की उम्र में निधन हो गया. रोन्नेबर्ग ने उस पांच सदस्यीय टीम का नेतृत्व किया था, जिसने भारी जल तैयार करने वाले कारखाने को उड़ा दिया था और इसके साथ ही नाजी जर्मनी उस एक प्रमुख तत्व से महरूम हो गया था जिसका इस्तेमाल वो परमाणु हथियार बनाने में कर सकता था.
द गार्जियन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक नार्वे की प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग ने कहा है कि रोन्नेबर्ग का रविवार को निधन हुआ और वह हमारे एक सबसे उत्कृष्ट प्रतिरोधी सेनानी थे, जिनके साहस ने जो कर दिखाया उसे नार्वे में सर्वाधिक सफल विध्वंसक अभियान करार दिया गया है.
रोन्नेबर्ग को स्पेशल ऑपरेशन एक्जक्यूटिव (एसओई) ने दक्षिणी नार्वे के टेलमार्क में स्थित भारी सुरक्षा वाले संयंत्र के कुछ हिस्से को फरवरी 1943 में एक हमले में ध्वस्त करने के लिए नियुक्त किया था. एसओई ब्रिटेन की युद्ध संबंधित जानकारी जुटाने और विध्वंस करने की जिम्मेदारी संभालने वाली एक इकाई थी.
गनरसाइट नामक अभियान पर 1965 में हॉलीवुड में ‘हीरोज ऑफ टेलमार्क’ नामक फिल्म बनी थी जिसमें किर्क डगलस ने मुख्य भूमिका निभाई थी. रोन्नेबर्ग ने बाद में एक रेडियो पत्रकार के रूप में काम किया और युवाओं में युद्ध के खतरों को लेकर जागरुकता पैदा करने में मदद की.
रोन्नेबर्ग ने बीबीसी से 2013 में कहा था कि उन्होंने अपने इस मिशन का महत्व तब महसूस किया जब 1945 में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम गिराए गए. सोलबर्ग ने समाचार एजेंसी एनटीबी से कहा, “वह हमारे एक महान नायक हैं. वह संभवत: हमारे अंतिम प्रतिरोधी सेनानी बचे थे, जिनका भी निधन हो गया