जुमे के दौरान नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के तत्काल बाद उत्तराखंड रोडवेज की बसों के संचालन पर लगाई गई रोक शनिवार सुबह हटा ली गई। रोडवेज मुख्यालय ने शनिवार को दिल्ली व यूपी के हालात का आंकलन करने के बाद दिल्ली, यूपी, राजस्थान आदि के लिए बसों का संचालन शुरू कर दिया। हालांकि, सामान्य दिनों की अपेक्षा बसों के फेरों में कटौती जरूर की गई।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बीते रोज हुए उपद्रव को देख उत्तराखंड रोडवेज ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के लिए शुक्रवार की दोपहर बसों का संचालन रोक दिया था। दिल्ली कश्मीरी गेट आइएसबीटी पर फंसी रोडवेज की करीब 30 वाल्वो और एसी बसों को शुक्रवार देर रात वापस बुला लिया गया।
दिल्ली के लिए भेजी गई सभी बसें शुक्रवार की शाम मोहननगर से वापस बुला ली गईं थीं, लेकिन शनिवार को सभी बसें कश्मीरी गेट आइएसबीटी तक सुचारू चलाई गईं। मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, लखनऊ, गुड़गांव और फरीदाबाद के लिए बंद किया गया संचालन भी शनिवार सुबह सुचारू हो गया। रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर चौहान ने बताया कि सभी चालकों को आदेश दिए गए हैं कि उपद्रव होने की स्थिति में बसों को सुरक्षित स्थान पर खड़ी कर दें। उपद्रव प्रभावित क्षेत्र में बसें चलाने से यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
प्रदेश के सभी डिपो से सहारनपुर होकर अंबाला, चंडीगढ़, करनाल, पानीपत आदि जाने वाली जो बसें सहारनपुर के बजाए दून से पांवटा साहिब के रास्ते भेजी जा रही थीं उन सभी का संचालन दोबारा सहारनपुर की ओर से शुरू कर दिया गया।
वाल्वो व एसी बसों के फेरे घटाए
उपद्रव में बसों में की जा रही तोड़फोड़ के मद्देनजर शनिवार को दिल्ली रूट पर वाल्वो और एसी बसों के फेरों में सर्वाधिक कटौती की गई। दरअसल, वाल्वो बस करीब सवा करोड़ रुपये कीमत की है, जबकि एसी बस की कीमत करीब पचास लाख रुपये है। इन बसों में तोड़फोड़ की स्थिति में रोडवेज को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। नुकसान व सुरक्षा की दृष्टि से दिल्ली रूट पर शनिवार को 15 के बजाए नौ वाल्वो ही भेजी गई।