मितावली-एत्मादपुर से जोड़ने वाले रेलवे ट्रैक की अधिकतम रफ्तार 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की जाएगी। इससे कानपुर-लखनऊ के बीच भी ट्रेनों की रफ्तार अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे हो जाएगी।
हाथरस को मितावली-एत्मादपुर से जोड़ने वाले रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की जाएगी। इसके लिए रेलवे का निर्माण विभाग हाथरस के माकनपुर में जमीन का अधिग्रहण करेगा। इससे कानपुर-लखनऊ के बीच भी ट्रेनों की रफ्तार अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे हो जाएगी। अब तक दिल्ली-आगरा के बीच गतिमान एक्सप्रेस, वंदेभारत जैसी ट्रेनों की अधिकतम गति सीमा 150 किमी प्रति घंटे तक है।
रेलवे ने आगरा दिल्ली रूट पर गति सीमा के लिए सबसे ज्यादा ट्रायल किए हैं। यहां निजामुद्दीन से झांसी तक चलने वाली गतिमान एक्सप्रेस पहली सबसे तेज गति की ट्रेन का संचालन शुरू किया गया था। इसके बाद वंदेभारत, शताब्दी, राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार भी 130 से 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रहती है। इसके लिए रेलवे ट्रैकों के दोनों ओर सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल बनवाई जा रही हैं। आगरा दिल्ली रूट पर बाउंड्रीवाल हैं।
धौलपुर जाने वाले रूट पर भी बाउंड्रीवाल का काम चल रहा है। अब उत्तर मध्य रेलवे का निर्माण विभाग वाया मितावली-एत्मादपुर होकर हाथरस को गुजरने वाली रेल लाइन की गति सीमा को बढ़ाने जा रहा है। इसके लिए हाथरस में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
रेलवे के निर्माण विभाग के मुताबिक, इस परियोजना के लिए ट्रैक्शन सब स्टेशन (टीएसएस), सब सेक्सनिंग और पेरललिंग पोस्ट के लिए जमीन की आवश्यकता है। इसके लिए रेलवे के निर्माण विभाग ने जनवरी में अधिसूचना जारी की है। आगरा रेल मंडल के अधिकारियों का कहना है कि रेलवे ट्रैकों पर गति सीमा बढ़ाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है।