हाथरस कांड की पीड़िता के परिवार ने कहा है कि वे नार्को टेस्ट नहीं करवाएंगे. मीडिया के साथ बातचीत करते हुए पीड़िता की भाभी और मां ने कहा कि उन्होंने कोई गलत बयान नहीं दिया है तो उन्हें नार्को टेस्ट करवाने की क्या जरूरत है.
बता दें कि हाथरस प्रशासन ने शनिवार को कई दिनों के बाद पीड़ित परिवार से मीडिया को मिलने की इजाजत दी है. मीडिया को देखकर पीड़ित परिवार के सब्र का बांध टूट गया. पीड़िता की भाभी ने कहा कि प्रशासन ने हमारे बाहर जाने पर रोक लगा दी ताकि हम किसी से बात नहीं कर सकें.
पीड़िता की भाभी से जब नार्को टेस्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नार्को टेस्ट क्या होता है ये ही पता नहीं है. उन्हें जब नार्को टेस्ट के बारे में बताया गया तो उन्होंने कहा कि हमारे लिए इस टेस्ट की क्या जरूरत है.
पीड़िता की भाभी ने कहा, ” हम सच बोल रहे हैं, हम सच ही बोलेंगे. झूठ नहीं बोलेंगे. नार्को टेस्ट कराना है तो डीएम साहब का कराएं, एसपी का कराएं. इन लोगों का टेस्ट कराएं, इन लोगों ने झूठ पर झूठ बोला है.”
पीड़िता की भाभी ने कहा कि एसआईटी ने उनके परिवार के चार लोगों के बयान लिए हैं. उन्होंने कहा कि हमें न्याय चाहिए, हमें कुछ नहीं चाहिए, हमें बॉडी क्यों नहीं दिखाई, हम ये जानना चाहते हैं.
पीड़िता की भाभी ने कहा कि उस रात को अधिकारियों ने किसका शव जलाया था, उन्हें पता नहीं है. उनके परिवार को अपनी बेटी का शव चाहिए. वे उन्हें देखना चाहते हैं.
पीड़ित परिवार ने कहा कि डीएम लगातार हमें ये कह रहे थे कि अगर तुम्हारी बेटी कोरोना से मर जाती तो क्या तुम्हें मुआवजा मिल जाता. परिवार के मुताबिक सरकारी अधिकारी बार-बार पैसे की बात कर रहे थे.