हाई अलर्ट बेउर जेल ब्रेक की साजिश पर, जांच में मिले दो मोबाइल, मचा हड़कंप

पटना के केंद्रीय कारा बेउर जेल ब्रेक की साजिश रचे जाने की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। जेल में देर रात से पुलिस के आला अधिकारियों का पहुंचना जारी है।आज बिहार के डीजीपी, गृह सचिव, एसपी औऱ कई आला अधिकारी जेल पहुंचे हैं। देर रात से ही जेल में छापेमारी जारी है जिसमें दो मोबाइल जब्त किए गए हैं।

जेल के अंदर और बाहरी सुरक्षा की जांच के बाद वहां स्वाट और बीएमपी के 60 अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर दी गई। पहले से तैनात जवानों को मुस्तैद रहने का निर्देश दिया गया है। पुलिस की टीम ने जेल के सभी बैरक की बारीकी से जांच की। अगले आदेश जेल के अंदर और बाहर स्वाट तैनात रहेगी। 

रात करीब दस बजे पुलिस को सूचना मिली कि बेउर जेल से कुछ बंदी भागने की साजिश रच रहे हैं। बेउर में जेल में नक्सलियों के साथ कुख्यात आतंकी तक बंद हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो नक्सली या कुख्यात द्वारा जेल ब्रेक की साजिश रची जा रही है। 

सिटी एसपी, डीएसपी, एएसपी सहित अन्य पुलिस अधिकारी थाना पुलिस के साथ अतिरिक्त फोर्स लेकर बेउर जेल में पहुंच गए। पुलिस ने हर उस बिंदु पर जांच शुरू कर दी जिससे जेल ब्रेक की प्लानिंग की जा सकती थी। रात दस बजे से एक बजे तक जेल के चारों तरफ की दीवारें, सुरंग से लेकर वहां तैनात हर जवान के बारे में जानकारी जुटाई गई। जेल में बंद नक्सली, कुख्यात से लेकर आतंकी सेल का हर कोने की पुलिस ने जांच की। 

जेल के बाहर बीएमपी जवानों को तैनात कर दिया गया और जेल के अंदर स्वॉट की टीम को तैनात किया गया। इसके साथ ही बेउर और फुलवारीशरीफ थाने की पुलिस को भी जेल के चारों तरफ कड़ी पहरेदारी का निर्देश दिया गया है। 

जेल को बम से उड़ाने की मिली थी धमकी

केंद्रीय आदर्श कारा बेउर सेंट्रल जेल को बम से उड़ाने की धमकी मिली है जिसके बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की तरफ से इस बात की जानकारी मिलते ही बिहार पुलिस अलर्ट हो गयी है  पुलिस बिहार में हुए जहानाबाद जेल ब्रेक कांड जैसी घटना से सबक लेते हुए ऐसी कोई घटना पटना में न दोहराई जा सके इसके लिए एहतियात बरत रही है।

जेल में बंद हैं कई कुख्यात नक्सली और आतंकवादी

साल 2013 में पटना के गांधी मैदान में हुए सीरियल बम ब्लास्ट की घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादियों के साथ इसी साल पकड़े गए बांग्लादेशी आतंकवादियों के अतिरिक्त कई  कुख्यात नक्सली और अपराधी इस जेल में कैद हैं।

इनमें उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन, इम्तियाज अंसारी, अहमद हुसैन, फखरुद्दीन अहमद, फिरोज आलम, नोमान अंसारी, इफ्तेखार आलम, हैदर अली और मुजीबुल्लाह जैसे आतंकी सहित जहानाबाद जेल ब्रेक कांड का मुख्य आरोपी नक्सली अजय कानू और कई कुख्यात अंडर ट्रायल बन्द हैं।

आशंका है कि इन्हें कैद से छुड़ाने के लिए बड़े स्तर पर जेल ब्रेक की साजिश रची जा सकती है। हालांकि ये साफ नहीं हो सका है कि ये प्लानिंग किसके तरफ से रची गई है और इस मसले पर फिलहाल कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं।

गौरतलब है कि 15 नम्बर 2005 की रात में नक्सलियों ने अपने नेता अजय कानू को जेल से छुड़ाने के लिए जहानाबाद में जेल ब्रेक की वारदात को अंजाम दिया था।

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