लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उत्पादन भारत में आवश्यकता से अधिक है, इसलिए सरकार ने इस पर निर्यात प्रतिबंध हटा दिया है. मंडाविया ने मीडिया को बताया कि जब कोरोना वायरस (COVID-19) संकट शुरू हुआ, तो हमारे पास हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन बनाने वाली दो इकाइयां थीं, अब हमारे पास 12 हैं और उत्पादन आवश्यकता से अधिक है. इसलिए, भारत सरकार ने इस पर निर्यात प्रतिबंध हटा दिया. निर्माताओं को घरेलू बाजार में इसे 20 प्रतिशत बेचना पड़ता है. बाकी, निर्यात किया जा सकता है.
इसके अलावा उन्होंने साझा किया कि जब देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, उस समय हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वाइन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि उस समय केवल दो विनिर्माण इकाइयां 50 लाख टैबलेट का उत्पादन प्रतिदिन कर रही थीं. उन्होंने आगे कहा कि आज देश में 12 विनिर्माण इकाइयां रोजाना 1.5 करोड़ टैबलेट का उत्पादन कर रही हैं.
अपने बयान में आगे मंडाविया ने बताया कि ऐसी स्थिति में, भारत सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, उसके एपीआई और फॉर्मूले पर प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है. सभी को घरेलू बाजार में 20 फीसदी बेचा जाना है, ताकि देश में दवा की कमी न हो और कहा कि अतिरिक्त उत्पादन वैश्विक बाजार में निर्यात किया जा सकता है. वही, केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने बुधवार को ट्वीट किया था कि फार्मास्युटिकल विभाग ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन एपीआई के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ फॉर्मूलेशन को भी मंजूरी दे दी है. एसईजेड / ईओयू इकाइयों को छोड़कर निर्माताओं को घरेलू बाजार में 20 प्रतिशत उत्पादन की आपूर्ति करनी है. इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना जारी करने के लिए कहा गया.