हांगकांग के रहने वालों के लिये रविवार से ब्रिटेन ने नए वीजा के रास्ते खोल दिए हैं। इस तरह से अब उन्हें ब्रिटेन की नागरिकता पाने में आसानी होगी। हांगकांग के करीब तीन लाख लोगों के वीजा के लिये आवेदन करने की उम्मीद है। ब्रिटेन ने यह निर्णय ऐसे समय पर लिया है, जब चीन और हांगकांग दोनों ही कह चुके हैं कि वे 31 जनवरी के बाद से ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज (बीएनओ) वीजा को हांगकांग की यात्रा करने का वैध दस्तावेज नहीं मानेंगे।

ब्रिटेन ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने के बाद अब हमारी हांगकांग के नागरिकों के प्रति जिम्मेदारी है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करके 1997 में हांगकांग को सौंपे जाने की शर्तो का चीन ने उल्लंघन किया है। शर्तो के तहत ही करीब 23 साल पहले हांगकांग को चीनी अधिकारियों को सौंपा गया था।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि मुझे यह बताते हुए बेहद गर्व हो रहा है कि हम हांगकांग के लोगों के ब्रिटेन में काम करने और हमारे देश में अपना घर बनाने के लिए नई वीजा व्यवस्था लेकर आए हैं। ऐसा करके हमने इतिहास के अपने गहरे संबंधों और हांगकांग के लोगों के साथ अपनी दोस्ती का सम्मान किया है।
इस व्यवस्था के तहत बीएन(ओ) दर्जा प्राप्त लोग और उनके परिवार के सदस्य ब्रिटेन में रहने, पढ़ने और काम करने के लिए आ सकेंगे। जैसा कि अन्य वीजा में होता है। ब्रिटेन में पांच साल रहने के बाद वे यहां बसने के लिए आवेदन कर पाते हैं और उसके बाद 12 और महीनों के इंतजार के बाद ब्रिटिश नागरिकता के लिये आवेदन कर पाते हैं।
इसकी प्रतिक्रिया में चीन के विदेश मंत्रालय ने हाल में कहा था कि वह अब बीएन(ओ) पासपोर्ट को वैध यात्रा दस्तावेज के तौर पर मान्यता नहीं देता। चीन का कहना है कि हांगकांग में मार्च 2019 में जैसे प्रदर्शन हुए उन्हें रोकने के लिये नया सुरक्षा कानून जरूरी है। इस कानून को लेकर हालांकि दुनियाभर में प्रतिक्रियाएं हुईं और विरोधी इसे चीन के अर्धस्वायत्त क्षेत्र के तौर पर हांगकांग की क्षेत्रीय स्वतंत्रता को कुचलने वाला करार दे रहे हैं।
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