गणेश चतुर्थी का त्योहार 22 अगस्त को मनाया गया है और अब 1 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस बार गणेश चतुर्थी के दिन हस्त नक्षत्र का योग बन रहा है.
इस नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है. इस योग के दौरान पृथ्वी तत्व की राशि यानी कन्या राशि रहेगी. इस अद्भुत संयोग और गणपति की कृपा से पृथ्वी पर चल रहे सभी संकट खत्म हो सकते हैं. आइए जानते हैं. इस दौरान भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करने से भी बड़ा लाभ होता है.
1. गणपति का मुख्य मंत्र – “ॐ गं गणपतये नमः” भगवन गणेश के इस मंत्र का जाप करने से आपके जीवन के तमाम विघ्न समाप्त हो सकते हैं
2. गणपति का षडाक्षर विशिष्ट मंत्र – “वक्रतुण्डाय हुं ” भी बेहद लाभकारी है. इस मंत्र का जाप करने से आपके किसी कार्य में रुकावट नहीं आती है.
3. रोजगार प्राप्ति और आर्थिक समृद्धि के लिए “ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।” मंत्र का जाप करें.
4. शीघ्र विवाह और अनुकूल जीवनसाथी के लिए (त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र ) “ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा” मंत्र का जाप करें
5. उच्छिष्ट गणपति का मंत्र- ”ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा” का जाप करने से आलस्य, निराशा, कलह, संकट आदि दूर हो सकते हैं.