हल्द्वानी : स्वास्थ्य जांच में जेल के 14 कैदी एचआइवी पॉजिटिव मिले हैं। कैदियों की जांच रिपोर्ट ने जेल प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। ऐसे में एचआइवी संक्रमित कैदियों का इलाज शुरू कर दिया गया है। जेल में बंद कैदियों में से 13 पुरुषों व एक महिला में एचआइवी संक्रमण की पुष्टि हुई है। कैदियों की काउंसलिंग कर उन्हें सावधानी के साथ इलाज के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से कैदियों की पहचान गोपनीय रखते हुए एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी से इलाज किया जा रहा है। जिसमें कोर्स वर्क के अनुसार कैदियों के पोषण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उपकारागार हल्द्वानी के अधीक्षक एसके सुखीजा ने बताया कि कैदियों के एचआइवी पॉजिटिव की अवस्था में उनकी पहचान गोपनीय रखते हुए इलाज किया जा रहा है। चिकित्सकों के निर्देश पर संक्रमित कैदियों को उपचार व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पोषणयुक्त भोजन दिया जा रहा है।
टीबी से संक्रमित बंदी की मौत
चार बार चोरी के आरोप में जेल में बंद बंदी की टीबी संक्रमण से मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजनों के सुपुर्द कर दिया गया। काशीपुर के खड़कपुरा, देवीपुरा निवासी 25 वर्षीय लाली सिंह उपकारागार हल्द्वानी में बंद था। वर्ष, 2020 में उस पर चार बार चोरी का मुकदमा दर्ज किया गया। युवक मूल रूप से बरेली जिले के पूर्वी मोहल्ला, सुभाषनगर का निवासी है। जेल अधीक्षक एसके सुखीजा ने बताया कि बंदी का फेफड़ा पूरी तरह संक्रमित हो गया था। टीबी के गंभीर संक्रमण के चलते उसे सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में बीते सात जुलाई को भर्ती कराया गया। जहां 19 जुलाई को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।