हरियाणा चुनाव परिणाम दिल्ली के चुनाव को प्रभावित करता है, क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव हरियाणा के बाद होता है। इस बार आम आदमी पार्टी पूरे दमखम के साथ वहां भी ताल ठोक रही है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही दिल्ली भाजपा एक्टिव मोड में आ गई है। सियासी गुणा-गणित के साथ ही प्रचार की रणनीति भी बनाई जा रही है। हरियाणा की सियासी बिसात पर दिल्ली भाजपा भी पूरी ताकत झोंकेगी। दरअसल इनकी जिम्मेदारी हरियाणा की सभी सीटों पर चुनावी मैदान में उतरने वाली आम आदमी पार्टी की पोल खोलनी रहेगी। दिल्ली के कई विधायकों, सांसदों और कार्यकर्ताओं की रिश्तेदारी भी हरियाणा में है, इसे देखते हुए सभी वहीं डेरा डालेंगे। रणनीति के तहत इसके लिए कई टीमें गठित की जाएंगी और हर विधानसभा क्षेत्र में इनकी तैनाती होगी।
हरियाणा चुनाव परिणाम दिल्ली के चुनाव को प्रभावित करता है, क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव हरियाणा के बाद होता है। इस बार आम आदमी पार्टी पूरे दमखम के साथ वहां भी ताल ठोक रही है। इसे देखते हुए दिल्ली भाजपा की अहमियत इस राज्य में अधिक है, जिस तरह से प्रदेश भाजपा दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के कथित भ्रष्टाचार, शराब घोटाले, शीश महल घोटाले, भारी जलजमाव, नालों की सफाई, यमुना प्रदूषण की समस्या और दिल्ली सरकार की नीतियों पर उसे घेरती है, इसी तर्ज पर भाजपा नेता हरियाणा के मतदाताओं के बीच पहुंचेंगे और उन्हें दिल्ली की स्थिति और दिल्ली सरकार के वादों और इरादों से अवगत कराएंगे।
डोर-टू-डोर कैंपेन का बनेंगे हिस्सा
हरियाणा पहुंचकर दिल्ली के भाजपा कार्यकर्ता डोर-टू-डोर कैंपेन में हिस्सा लेंगे। हैंड बिल को लेकर हर मतदाता से मिलेंगे और आम आदमी पार्टी की दिल्ली में की गई घोषणाओं का कितना फायदा और कितना नुकसान हुआ उस पर सवाल उठाएंगे। भाजपा रणनीतिकारों का कहना है कि हरियाणा पड़ोसी राज्य है और अगर वहां भी आम आदमी पार्टी ने सीट हासिल कर ली तो दिल्ली चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना भाजपा के लिए मुश्किल होगा, क्योंकि दिल्ली की सीमा से हरियाणा के कई विधानसभा क्षेत्र जुड़े हुए हैं। इसे ही देखते हुए भाजपा की खास तैयारी रहेगी। भाजपा सांसद, विधायक समेत प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों की टीम चुनावी प्रचार में उतरेंगी।