हरियाणा में सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार को राज्य के सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टर दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। इससे कई जिलों की ओपीडी व इमरजेंसी सेवाओं पर असर पड़ा। एसोसिएशन का दावा है कि राज्य के करीब तीन हजार डॉक्टरों ने दो दिन का सामूहिक अवकाश किया है जबकि राज्य सरकार के अनुसार डॉक्टरों की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है जिससे मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं आई।ओपीडी व इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित नहीं हुईं हैं।
हड़ताल के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि डॉक्टरों को भगवान की संज्ञा दी जाती है। यह मानवता की सेवा का पेशा है। इससे पहले भी डॉक्टरों की कई मांगें सरकार ने पूरी की हैं। वर्तमान में हमारे मंत्री और अधिकारी उनसे बातचीत कर रहे हैं। उनकी सभी बातों को सुना जाएगा। बातचीत का रास्ता खुला है। वहीं सरकार ने सख्त रवैया अपनाना भी शुरू कर दिया है। यमुनानगर में सीएमओ ने 66 डॉक्टर्स की छुट्टियां खारिज कर दी हैं। 16 डॉक्टरों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। ओपीडी चलाने के लिए मुलाना से 19 और ईएसआई अस्पताल से सात डॉक्टर को बुलाया गया है।
सरकार से बातचीत की कॉल नहीं आई
एसोसिएशन के प्रधान डाॅ. राजेश ख्यालिया ने बताया कि नौ दिसंबर को भी हड़ताल जारी रहेगी। सरकार की ओर से बातचीत के लिए कोई कॉल नहीं आई है। उनका स्टैंड स्पष्ट है। आगे का फैसला मंगलवार की बैठक में लिया जाएगा। उनकी मांग है कि सीएमओ की सीधी की भर्ती पर रोक लगाई जाए और एसीपी स्कीम को अपग्रेड कर लागू किया जाए। पिछले साल सरकार ने इन दोनों मांगों पर सहमति जता दी थी। अभी डायरेक्ट एसएमओ की भर्ती पर सहमति बनी है।
जो मांगें मान सकते थे, मान ली : स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने बताया कि हमने कई जगहों से डॉक्टर्स तैनात किए हैं। एनएचएम, मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों, डीएनबी विद्यार्थी और आयुष्मान विभाग के डॉक्टरों को ओपीडी की जिम्मेदारी दी है। सभी जगह ओपीडी या इमरजेंसी सर्विस चल रही हैं। सरकार ने उनकी कई मांगें मानी हैं, जो मान सकते थे, उनको मान लिया गया है। बाकी पर चर्चा हो रही है। जल्द ही डॉक्टरों से बात करेंगे। अगर नतीजे पर पहुंचते हैं तो बहुत जल्द हड़ताल खत्म हो जाएगी।
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