हरियाणा में काल बन रहा कैंसर; हर माह 3 हजार नए मरीज, 1500 तोड़ रहे दम

दूध-दही के खान पान और हट्टे कट्टे लोगों के लिए मशहूर हरियाणा की भयानक तस्वीर सामने है। हरियाणा के लिए कैंसर अब काल बनता जा रहा है। आलम ये है कि प्रदेश में हर माह कैंसर के 2916 नए मरीज सामने आ रहे हैं और साल में इनकी संख्या 35 हजार के करीब पहुंच जाती है। कैंसर के मरीजों की मौत की बात करें हरियाणा में हर माह 1500 कैंसर मरीज दम तोड़ रहे हैं और साल में यह आंकड़ा 18 हजार का है।

चौंकाने वाली बात ये है प्रदेश में 30 साल से ऊपर की आबादी में 1 लाख लोगों की जांच में 102 लोगों में कैंसर के लक्षण मिल रहे हैं। स्क्रीनिंग और इलाज कराने आ रहे मरीजों के आंकड़ों को मिलाकर हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने यह डाटा तैयार किया है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि देशभर में हर साल 15.5 लाख कैंसर के नए मरीज सामने आते हैं और इनमें से सालभर में ही नौ लाख लोगों की जान चली जाती है।

पुरुषों में मुंह और महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले अधिक

निरोगी हरियाणा अभियान के तहत 30 साल से अधिक आयु के लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। अब तक 69 फीसदी लोगों की जांच पूरी हो चुकी है। हरियाणा में 30 साल से अधिक आयु के लोगों की बात करें तो यह आंकड़ा 1.07 करोड़ है। इनमें से 62 लाख लोगों की मुंह की जांच हो चुकी है और 33 लाख महिलाओं की छाती की जांच हो चुकी है। इनके अलावा 12.50 लाख बच्चों की स्क्रीनिंग हो चुकी है। खासकर पुरुषों में मुंह और महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले अधिक सामने आ रहे हैं।

आठ साल में मरीजों के साथ मौत के आंकड़े भी तेजी से बढ़े

पिछले आठ साल में कैंसर ने हरियाणा में तेजी से पांव पसारे हैं। इन सालों में न केवल नए मरीजों की संख्या का आंकड़ा बढ़ा है, बल्कि मौत के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। प्रदेश में साल 2013 मे 11717, 2014 में 11776, 2015 में 13697 और 2016 में 16180 कैंसर मरीज मिले थे। इसी प्रकार मौत के आंकड़े हैं, 2013 में 1845, 2014 में 2715, 2015 में 3317 और 2016 में 3668 मरीजों की मौत हुई थी।

वर्ष कैंसर मरीज मिले            कैंसर से मौत
2013 11717                         1845
2014 11776                         2715
2015 13697                         3317
2016 16180                         3668

समय पर जांच और इलाज से कैंसर होता है खत्म

प्रथम और द्वितीय स्टेज के कैंसर का सफल इलाज है। इसके लिए जरूरी है कि लोग जांच कराएं, ताकि समय पर कैंसर को रोका जा सके। स्क्रीनिंग के लिए एएनएम से लेकर अन्य स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया है। अटल केयर केंद्र अंबाला, नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट झज्जर और पीजीआई रोहतक में कैंसर का मुफ्त इलाज किया जाता है और दवाइयां भी निशुल्क दी जाती हैं। कैंसर से बचाव का सबसे पहला तरीका है नशा और धूम्रपान न करें, साथ ही दिनचर्या को व्यवस्थित रखें। -डॉ. कुलदीप सिंह, महानिदेशक, स्वास्थ्य विभाग।

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