बिहार कोकिला शारदा सिन्हा आज पंचतत्व में विलीन हो गई हैं। बेटे अंशुमान ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान सबकी आंखे नम हो गईं। अंत्येष्टि कार्यक्रम में शारदा सिन्हा के परिजन, मित्र सहित कई राजनेता भी शामिल थे। शारदा सिन्हा को उनके प्रशंसकों और परिवारजनों ने भावभीनी विदाई दी।
बेटे अंशुमान ने अर्थी को दिया कंधा
पटना के राजेंद्र नगर स्थित आवास से शारदा सिन्हा की अंतिम यात्रा गुलबी घाट के लिए रवाना हुई। अंतिम यात्रा में उनके बेटे अंशुमान ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए अर्थी को कंधा दिया। इस मौके पर उनके शुभचिंतक, चाहने वाले और क्षेत्रीय राजनीतिक हस्तियां भी शामिल हुईं। बीजेपी के पूर्व सांसद रामकृपाल यादव समेत अन्य लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे, जिससे माहौल अत्यधिक भावुक हो गया।
अंतिम यात्रा में लोगों की आंखों में आंसू और दिलों में थीं यादें
पूर्व सांसद रामकृपाल यादव भी ने कहा कि उनकी कला और साधना हमारे समाज के सांस्कृतिक धरोहर के रूप में हमेशा जीवित रहेगी। उनके साथ ही कई चाहने वालों और शुभचिंतकों ने भी शारदा जी के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। अंतिम यात्रा में लोगों की आंखों में आंसू और दिलों में यादें थीं। शारदा सिन्हा ने अपने सुमधुर गीतों से सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे भारत में लोक संगीत को एक नई पहचान दी। उनके द्वारा गाए गए गीतों में बिहार की संस्कृति और लोक परंपरा की महक झलकती थी, जो अब उनकी अनुपस्थिति में भी लोगों के दिलों में गूंजते रहेंगे।