हरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने चार कंपनियों की खांसी की दवा (कफ सिरप) की बिक्री पर रोक लगा दी है। साथ ही स्टॉक को जब्त करने के निर्देश दिए हैं। इनमें गुजरात की रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स कंपनी के ब्रोमहेक्सिन हाइड्रोक्लोराइड, टरब्यूटेलिन सल्फेट, गुआइफेनेसिन व मेन्थॉल सिरप (रेस्पिफ्रेश टीआर), शेप फार्मा कंपनी के एंब्रॉक्सोल एचसीएल, गुआइफेनेसिन, टरब्यूटेलिन सल्फेट और मेन्थॉल सिरप (रिलाइफ), तमिलनाडु की स्रेशन फार्मा कंपनी के कोल्ड्रिफ सिरप और जयपुर स्थित केसन्स फार्मा का डेक्सट्रोमेथॉर्फन सिरप शामिल हैं। पूरे प्रदेश में इन चारों कंपनियों की दवाओं के सैंपल भरकर लैब में भेजे जा रहे हैं।
राज्य औषधि नियंत्रक ललित गोयल की ओर से सभी औषधि नियंत्रण अधिकारियों को इन चारों कंपनियों की दवाओं की कड़ी निगरानी, नमूने लेने और यदि दवाएं मिलती हैं तो शेष दवाओं के स्टॉक को तत्काल जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं। रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स कंपनी और शेप फार्मा कंपनी की दवाओं में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (डीआईजी) की मात्रा स्वीकार्य सीमा से अधिक पाई गई है। यह एक जहरीला रसायन है जिससे विशेषकर बच्चों की किडनी फेल हो सकती। न्यूरो संबंधी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं और यहां तक मौत भी हो सकती है।
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