कोलंबो. कार्यवाहक कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मुश्किल परिस्थितियों में धर्य बनाए रखकर आखिरी दो गेंदों पर छक्का और फिर दो रन लेकर भारत को आईसीसी महिला वर्ल्ड कप क्वालीफायर के फाइनल में मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका पर एक विकेट से रोमांचक जीत दिलायी.
दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.4 ओवर में 244 रन बनाए. इसके जवाब में भारतीय टीम दीप्ति शर्मा (71) और मोना मेशराम (59) के बीच दूसरे विकेट के लिए 124 रन की साझेदारी के बावजूद एक समय संकट से जूझ रही थी. मिताली राज के चोटिल होने के कारण इस मैच में टीम की अगुवाई कर रही हरमनप्रीत ने ऐसे में बखूबी जिम्मेदारी संभाली और आखिर में इस टूर्नामेंट में भारत का विजय अभियान जारी रखकर खिताब जीता.
रोमांचक रहा आखिरी ओवर
भारत को आखिरी ओवर में नौ रन चाहिए थे और उसके दो विकेट बचे थे. तेज गेंदबाज मर्सिया लेतसोलो के इस ओवर की पहली गेंद पर दो रन लेने के प्रयास में पूनम यादव रन आउट हो गई. हरमनप्रीत के पास स्ट्राइक थी लेकिन वह अगली तीन गेंदों पर रन बनाने में नाकाम रही जिससे भारतीय खेमे में खलबली मच गई. इस अनुभवी ऑलराउंडर ने हालांकि धर्य नहीं खोया और लेतसोलो की अगली गेंद को डीप मिडविकेट पर छह रन के लिए भेज दिया.
भारत को आखिरी गेंद पर दो रन चाहिए थे और हरमनप्रीत ने फुलटॉस को लॉन्ग ऑन पर खेलकर तेजी से दो रन लेने के साथ ही भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ा दी. रिकॉर्ड के लिए बता दें कि भारत ने 50 ओवर में नौ विकेट पर 245 रन बनाए. हरमनप्रीत 41 गेंद पर 41 रन बनाकर नाबाद रही जिसमें दो चौके और एक छक्का शामिल है. महिला वर्ल्ड कप में पहले ही जगह सुरक्षित कर चुके भारत ने लीग चरण और फिर सुपर सिक्स में भी अपने सभी मैच जीते थे.
दीप्ति-मोना ने निभाई शतकीय पारी
दक्षिण अफ्रीका की तरफ से मिगुएन डु प्रीज ने 40, सलामी बल्लेबाज लीजेल ली ने 37, कप्तान डेन वॉन नीकर्क ने 37 और सुन लुस ने 35 रन का योगदान दिया. भारत के लिए बायें हाथ की स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ सबसे सफल गेंदबाज रही. उन्होंने 51 रन देकर तीन विकेट लिए. उनके अलावा शिखा पांडे ने दो जबकि एकता बिष्ट, पूनम यादव और दीप्ति शर्मा ने एक-एक विकेट हासिल किया. बड़े स्कोर के सामने भारत ने तिरूष कामिनी (10) का विकेट जल्दी गंवा दिया लेकिन इसके बाद दीप्ति और मोना ने अगले 25 ओवर तक कोई विकेट नहीं गिरने दिया और इस बीच शतकीय साझेदारी निभाई.
धोनी को कप्तानी से हटाना एक गलत फैसला
इन दोनों खिलाड़ियों के हालांकि चार रन के अंदर पवेलियन लौटने से भारत संकट में पड़ गया. दीप्ति ने अपनी पारी में 89 गेंदें खेली और आठ चौके लगाए जबकि मोना की 82 गेंद की पारी में सात चौके और एक छक्का शामिल है. वेदा कृष्णमूर्ति ने 27 गेंदों पर 31 रन बनाए जबकि एकता बिष्ट 12 रन बनाकर पवेलियन लौटी. भारत में बीच पांच गेंद और दो रन के अंदर तीन विकेट गंवाए जिससे टीम संकट में पड़ गयी लेकिन हरमनप्रीत ने हार नहीं मानी और आखिर में जीत की नायिका बनकर उभरी. दक्षिण अफ्रीका की तरफ से मारिजान कैप और अयाबोंगा खाका ने दो-दो विकेट लिए. दीप्ति शर्मा को उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी जबकि दक्षिण अफ्रीका की सुन लुस को टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया.