सपा सांसद आजम खां की पत्नी और शहर विधायक डॉ. तजीन फात्मा का कहना है कि सियासी रंजिश के तहत हमारे परिवार के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। इस बात को पूरा मुल्क जानता है, लेकिन इससे हमारे हौसले पस्त नहीं हुए हैं।
हमारा तालीमी मिशन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आजम खां का अवाम के लिए यह संदेश है कि जौहर यूनिवर्सिटी की हिफाजत होनी चाहिए। सीतापुर की जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद रामपुर पहुंची डॉ. फात्मा ने खुद को दो दिन पूरी तरह घर-परिवार तक सीमित रखा।
अब धीरे-धीरे लोगों को मुलाकात का मौका दे रहीं हैं। इस बीच मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जेल में हमारे साथ आम कैदियों जैसा सलूक होता था। बोलीं, मैं बीमार थी और हाथ में फैक्चर भी हुआ, लेकिन जेल में जो मेडिकल फैसिलिटी और लोगों के लिए थी वही मेरे लिए भी थी।
जिला चिकित्सालय सीतापुर में हाथ पर प्लास्टर चढ़ाया गया, जो एक महीने तक चढ़ा रहा और दवाई वगैरा यहां से मंगाती थी और कुछ वहां से मिल जाती थी। अगली रणनीति के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुकदमे तो जरूर दर्ज हुए, लेकिन न्यायपालिका से इंसाफ मिला और आगे भी उम्मीद है।
यह सब सियासी रंजिश तो है और पूरा मुल्क जानता है कि यह ज्यादती है। इसके बाद भी हम अपना तालीमी मिशन जारी रखेंगे कितनी भी रुकावट क्यों ना आए। हर मुमकिन कोशिश करेंगे कि जौहर विश्वविद्यालय को बचाया जाए।
सीतापुर की जेल में आजम खां और अब्दुल्ला से मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा कि हफ्ते में एक दिन मुलाकात होती थी । यह मुलाकात महज ऐसे ही होती थी जैसे कि सब लोगों की होती थी। अलग से कोई मुलाकात नहीं होती थी।
समाजवादी पार्टी द्वारा आजम खां का साथ नहीं दिए जाने के सवाल का मुद्दा कभी-कभी उठने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी पूरी तरह से हमारे साथ है और जो मदद पार्टी कर सकती थी, वो की गई।
पार्टी को लेकर जो अफवाह फैलाई जा रही हैं वो गलत हैं। हमारे इरादे मजबूत हैं। जो लोग कमजोर पड़ रहे हैं या मायूस हैं उन्हें भी यह समझना चाहिए कि वक्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता है।
रामपुर में सपा की सरकार में बनवाए गेटों और पार्कों के नाम बदले जाने पर उन्होंने कहा कि जब हमारा वक्त आएगा तो हम भी ऐसा ही करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्तार अब्बास नकवी हमारे घर के पास पार्क का लोकार्पण करने आए थे तो हम जेल में थे लेकिन उनको हमारे घर आना चाहिए था। सांसद रहते समय उनसे संसद में कई बार मुलाकात होती थी।