महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने दावा किया है कि राज्य के 56 शिवसेना विधायकों में से 35 अपने पार्टी नेतृत्व से असंतुष्ट हैं। शनिवार रात एक समारोह में पत्रकारों से बात करते हुए राणे ने यह बात कही। राणे वर्तमान में भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं।

उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को नकारा सरकार बताया। उन्होंने कहा कि शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस को राज्य में सरकार बनाने में पांच हफ्ते से ज्यादा समय लग गए।
राणे ने विश्वास व्यक्त किया कि भाजपा की महाराष्ट्र में सत्ता में वापसी होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के 105 विधायक हैं और शिवसेना के केवल 56। उनमें से 35 असंतुष्ट हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के लिए कर्ज माफी का ठाकरे सरकार का वादा खोखला है। इसे कब लागू किया जाएगा इस पर कोई समयसीमा नहीं है।
गुरुवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की औरंगाबाद यात्रा का जिक्र करते हुए राणे ने कहा कि वह किसी भी योजना की घोषणा किए बिना या क्षेत्र को कोई धनराशि दिए बिना वापस आ गए। उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार से हम क्या उम्मीद कर सकते हैं? उन्हें सरकार चलाने के बारे में कुछ भी पता नहीं है। उन्हें सरकार बनाने में पांच हफ्ते लग गए। इससे पता चलता है कि वे कैसे सरकार चलाएंगे।
भाजपा और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच गठबंधन की अटकलों पर टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए राणे ने कहा कि केवल भाजपा प्रमुख ही इस पर बोलेंगे। बता दें कि पिछले दिनों राज ठाकरे औप राज्य के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। इसी के बाद से मनसे और भाजपा की गठबंधन की अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं। हालांकि, राज ठाकरे ने इसका खंडन किया। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों की विचारधारा अलग है।
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