कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर केंद्र सरकार तीनों कानूनों को रद्द नहीं करती है तो एक एक करके दिल्ली आने वाली हर सड़क को बंद किया जाएगा। संयुक्त किसान समिति ने अपनी बैठक में बुधवार को केंद्र सरकार का प्रस्ताव सिरे से खारिज कर दिया।

बैठक के बाद किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, सरकार का यह प्रस्ताव किसानों का अपमान है। इसमें कुछ भी नया नहीं था। सरकार के रुख को देखते हुए हमने आंदोलन तेज करने का फैसला किया है। इसके तहत 14 तारीख को राजस्थान, यूपी, हरियाणा और मध्य प्रदेश के किसान दिल्ली कूच करेंगे, वहीं दक्षिण राज्य के किसान जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। भाजपा के सभी मंत्रियों का घेराव किया जाएगा। भाजपा नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा।
किसान नेता दर्शन पाल ने फिर दोहराया कि हमें कानून वापस लेने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। सरकार ने जो प्रस्ताव भेजा था, वो वही था जो पिछली बैठकों में कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लगातार कह रहे हैं। अन्य नेता जंगवीर सिंह ने कहा, हम अडानी और अंबानी के सभी उत्पादों व सेवाओं का बहिष्कार करेंगे। जियो की सिम को पोर्ट कराएंगे।
इससे पहले, मंगलवार रात गृहमंत्री अमित शाह ने 13 किसान नेताओं से मुलाकात की थी, लेकिन उसमें भी कोई हल नहीं निकल पाया था। इसके बाद बुधवार को सरकार की ओर से कृषि कानूनों में संशोधनों का लिखित प्रस्ताव भेजा था, उसे भी किसानों ने खारिज कर दिया। इससे पहले, किसानों और सरकार के बीच छह दौर की वार्ता बेनतीजा रही है।
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