हमे यह देखना है मोदी सरकार नीचले पायदान के 13 करोड़ परिवारों के लिए क्या उचित कदम उठाएगी: पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम

कोरोना और लॉकडाउन से जूझ रहे देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक पैकेज के जरिए मरहम लगाने की कोशिश की है. हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि यह देर से आया फैसला है.

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि कल पीएम ने हेडलाइन और एक सादा पेपर दिया, जिसे आज वित्त मंत्री भरेंगी. हमारी नजर एक-एक रुपये पर होगी.

पी. चिदबंरम ने बुधवार को ट्वीट में कहा, ‘कल, पीएम ने हमें एक हेडलाइन और एक ब्लैंक पेपर दिया. स्वाभाविक रूप से मेरी प्रतिक्रिया भी ब्लैंक थी.

आज हम वित्त मंत्री की ओर से ब्लैंक पेपर को भरने की प्रक्रिया पर नजर रखेंगे. हम ध्यान से हर अतिरिक्त रुपए को गिनेंगे कि सरकार वास्तव में अर्थव्यवस्था को सुधार रही है या नहीं.’

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदबंरम ने कहा, ‘हम यह भी ध्यान से जांच करेंगे कि किसे क्या मिलता है? और पहली चीज जो हम देखेंगे, वह यह है कि गरीब, भूखे और तबाह हो चुके प्रवासी मजदूर जब सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने के बाद अपने घर पहुंचेंगे तो उन्हें क्या मिलता है. साथ ही नीचले पायदान के लोगों (13 करोड़ परिवारों) को वास्तविक धन में क्या मिलेगा.’

गौरतलब है कि कोरोना महामारी से जूझ रहा देश लॉकडाउन के 49 दिनों से जिस राहत के मरहम का इंतजार कर दिया था, आखिरकार कल देश के नाम संदेश में पीएम नरेंद्र मोदी ने उसका ऐलान कर दिया, कोरोना से हुए नुकसान की भरपाई और देश को फिर से खड़ा करने के लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया है.

20 लाख करोड़ का राहत पैकेज देश की जीडीपी का करीब दस फीसदी है. ये 2020-21 के स्वीकृत बजट यानि 30 लाख करोड़ से करीब 10 लाख करोड़ कम है.

प्रधानमंत्री ने साफ किया इस आर्थिक पैकेज से कुटीर उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग, श्रमिकों और किसान और मध्यम वर्ग को फायदा मिलेगा. इसके साथ ही आर्थिक पैकेज भारतीय उद्योग जगत को भी नई ताकत देगा.

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