हमे गांधीजी के असहयोग आंदोलन की तर्ज पर CAA पर आंदोलन करना चाहिए: जिग्नेश मेवाणी

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पूरे देश में चल रहे प्रदर्शनों के बीच गुरुवार की रात महाराष्ट्र के पुणे में भी ऑल पार्टी सभा हुई. पुणे के सारसबाग में संविधान बचाओ मंच और जमात-ए-तंजीम की ओर से आयोजित इस रैली में विधायक और एक्टिविस्ट जिग्नेश मेवाणी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता जितेंद्र आह्वाड के साथ ही शिवसेना के भी कई नेता मौजूद रहे.

मेवाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरित्र पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि मोदी ने होटल तक पुलिस भेजकर एक गुजराती महिला की जासूसी कराई थी. यही इनका चरित्र है. उन्होंने पीएम को जो बन पड़े वो कर लेने की चुनौती दी और कहा कि हमसे जो बन पड़ेगा वो करेंगे. जिग्नेश मेवाणी ने शाहीन बाग में चल रहे प्रोटेस्ट की चर्चा की और पीएम मोदी को इसे लेकर कुछ भी कहने से पहले खुद को आईने में देख लेने की सलाह दी.

जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि पीएम मोदी के तीन अधूरे सपने हैं. उनका पहला सपना है देश को लूटना और बची-खुची संपत्ति पूंजीपतियों के नाम करना, दूसरा जीवन भर सत्ता में रहना और तीसरा सपना है आठवीं कक्षा में उनका पाठ पढ़ाया जाना. उन्होंने कहा कि आठवीं कक्षा में मोदी का नहीं, शाहीन बाग में संविधान बचाने के लिए सड़कों पर उतरी बहनों का पाठ पढ़ाया जाएगा. जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि महिलाओं को एक बार फिर सड़क पर इस मांग के साथ उतरना चाहिए कि देश में ऐसी सरकार आए जो पेयजल, शिक्षा और चिकित्सा की मुफ्त व्यवस्था करे.

अपने संबोधन में मेवाणी ने पीएम मोदी को अपनी डिग्री दिखाने की चुनौती भी दी और सीएए को समाज को तोड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने सीएए के विरोध में गांधीजी के असहयोग आंदोलन की तर्ज पर आंदोलन का आह्वान किया और अल्पसंख्यकों से सरकारी बाबू के कागजात मांगने पर संविधान दिखाने को कहा.

महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार में मंत्री जितेंद्र आव्हाड संघ प्रमुख मोहन भागवत पर जमकर बरसे. आह्वाड ने कहा कि ये लड़ाई सिर्फ मुसलमानो की लड़ाई है, ऐसा मत समझो. सारा देश आपके साथ है. आव्हाड ने असम के डिटेंशन सेंटर में रखे गए लोगों को छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि कहा कि मैं मोहन भागवत से सवाल करना चाहता हूं कि 14 लाख हिंदुओं को लेकर आपकी मन्शा क्या है. आप दुनिया को समझने नहीं देना चाहते कि असम में हुआ क्या है.

उन्होंने कहा कि 50 साल से असम के लोग मिलजुल कर रह रहे थे, लेकिन अब इन्हें पीएम मोदी और अमित शाह की नजर लग गई. उन्होंने यह भी कहा कि वे नहीं मानते कि सीएए की वजह से देश के मुसलमान को कोई खतरा है. आह्वाड ने पीएम मोदी और अमित शाह पर हिंदू और मुसलमान के बीच दीवार खड़ी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज यह दीवार टूटती नजर आ रही है. हिंदू और मुस्लिम यह जानते हैं कि साल 1927 में जलाई हुई मनुस्मृति वापस लाना चाहते हैं, लेकिन हम यह नहीं होने देंगे.

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को सबसे बड़ा आतंकवादी बताया और कहा कि यह महाराष्ट्र के नाम पर लगा हुआ कलंक है. उन्होंने सीएए के खिलाफ चल रहे आंदोलन को लेकर कहा कि यह लड़ाई अब इस बात की है कि देश आंबेडकर को स्वीकार करेगा या गोवलकर को. आह्वाड ने सभी से संविधान खरीदने का आह्वान किया और सावरकर का नाम लिए बगैर उनकी विवादास्पद कविता का जिक्र भी किया.

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