ब्रिटेन से हाल ही में दिल्ली लौटे 40 लोग अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। वहीं, शहर में शनिवार को संक्रमण के 494 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में शनिवार को इस घातक वायरस के कारण 14 मरीजों की मौत हो गई।
स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के हवाले से एक बयान में कहा कि ‘बिस्तरों की उपलब्धता कम करने के बाद भी 10,500-11000 बिस्तर अभी खाली हैं। वर्तमान में केवल 2,000 बिस्तरों पर मरीज हैं।’
जैन ने कहा कि जहां तक ब्रिटेन में सामने आए वायरस के नए स्वरूप का सवाल है तो अब तक वहां से लौटे 40 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और सभी को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के लोगों को कोरोना वैक्सीन बिल्कुल मुफ्त दी जाएगी। उन्होने कहा कि सरकार प्रतिदिन एक लाख लोगों को वैक्सीन लगाने की तैयारी कर चुकी है। टीका सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया जाएगा।
पहले चरण में 51 लाख लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सभी वैक्सीन केंद्रों को अस्पतालों के साथ जोड़ा गया है, ताकि अगर वैक्सीन का दुष्प्रभाव पड़ता है, तो मरीज को तत्काल इलाज दिया जा सके। यह बातें स्वास्थ्य मंत्री ने दरियागंज स्थित डिस्पेंसरी में किए जा रहे कोविड वैक्सीन के पूर्वाभ्यास के निरीक्षण के दौरान कही।
पत्रकारों से बात करते हुए जैन ने कहा कि ‘दिल्ली में वैक्सीन देने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। टीकाकरण के लिए लगभग एक हजार केंद्र तैयार किए जा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि सभी वैक्सीन केंद्रों को किसी न किसी अस्पताल के साथ जोड़ा गया है। कई केंद्र अस्पताल में ही बनाए गए हैं। कोरोना का टीका सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया जाएगा।
इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर जैसे पुलिस, सफाई कर्मचारी, जल बोर्ड के कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। तीसरे नंबर पर 50 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रसित 50 साल से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इस हिसाब से में पहले चरण में लगभग 51 लाख लोगों को वैक्सीन दी जाएगी।
दिल्ली में कोरोना की वर्तमान स्थिति के विषय में जैन ने कहा कि दिल्ली में कोरोना से हालात काफी बेहतर होते जा रहे हैं। हालांकि लोगों को अभी भी सभी सावधानी बरतने की जरूरत है। नए स्ट्रेन के विषय में उन्होंने कहा कि ब्रिटेन से आए लोगों की भी घर-घर जाकर जांच की जा रही है। वायरस के इस नए रूप से घबराने की जरूरत नहीं है।