सड़क हादसे में घायल को किसी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में बिना पैसे के तुरंत इलाज मिलेगा। गोल्डन ऑवर (हादसे के एक घंटे बाद का समय) के दौरान इलाज पर होने वाला खर्चा सरकार उठाएगी। नए मोटर व्हीकल ऐक्ट में यह प्रावधान किया है। इसके लिए सरकार कैशलेस स्कीम बनाएगी।

केंद्र सरकार ने नए मोटर व्हीकल ऐक्ट में कई बड़े बलदाव किए हैं। अभी तक सड़क हादसा होने पर कई बार घायलों को इलाज नहीं मिल पाता था। पैसा नहीं होने पर अस्पताल इलाज देने से इनकार कर देते थे, लेकिन अब सरकार हादसा होने के एक घंटे के बाद तक इलाज पर होने वाला खर्चा खुद उठाएगी। नए मोटर व्हीकल ऐक्ट में इसके लिए फंड की व्यवस्था कर कैशलेस स्कीम बनाने का प्रावधान किया गया है। इससे घायलों को बड़ी राहत मिलेगी।
गोल्डन ऑवर हादसा होने के एक घंटे तक का समय होता है। यह समय घायल के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान यदि इलाज मिल जाए तो घायल की जान बचाई जा सकती है।
इसलिए ऐक्ट में कैशलेश इलाज का प्रावधान किया गया है। इसके लिए सरकार फंड की व्यवस्था करेगी। यदि घायल की आर्थिक स्थिति ठीक है तो वह स्वस्थ होने के बाद खुद भी पैसे जमा करा सकता है।
रश्मि पंत, एआरटीओ, परिवहन मुख्यालय
घायलों की मदद पर नहीं होगी पूछताछ
यदि कोई व्यक्ति सड़क हादसे में घायल को अस्पताल तक पहुंचाता है तो उससे कोई पूछाताछ नहीं होगी। अस्पताल में ले जाते समय यदि घायल की रास्ते मौत भी हो जाती है तो भी अस्पताल ले जाने वाले व्यक्ति पर कोई आपराधिक केस नहीं होगा। बल्कि उसको प्रोत्साहित किया जाएगा। नए ऐक्ट में यह प्रावधान किया गया है।
परजिनों को सरकार देगी मुआवजा
नए ऐक्ट में हिट एंड रन के मामले में यदि कोई अज्ञात वाहन किसी को टक्कर मारकर फरार हो जाता है। ऐसी स्थिति में यदि संबंधित व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को सरकार दो लाख रुपये मुआवजा देगी। गंभीर घायल होने पर 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
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