लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में स्वच्छता अभियान में तेजी लाने के प्रयासों के तहत शनिवार सुबह खुद झाड़ू उठाई. इससे पहले सीएम योगी ने शुक्रवार को कहा था कि वह स्वच्छता के मामले में उत्तर प्रदेश को एक मिसाल बनाना चाहते हैं. दरअसल हालिया स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 में प्रदेश के गोंडा जिले को सबसे अस्वच्छ शहर का दर्जा दिया गया. उसके बाद शुक्रवार को इसमें सुधार के लिए सीएम योगी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. उसमें सीएम योगी ने कहा कि इस सर्वेक्षण में प्रदेश के 52 जिले बेहद अस्वच्छ श्रेणी में रखे गए हैं. उसमें बदलाव लाने की जरूरत है. लिहाजा 2018 तक खुले में शौच को पूरी तरह से समाप्त करने के संकल्प के साथ हर मंत्री को निर्देश दिया गया कि वह अपने क्षेत्र के जिलों पर इस अभियान के तहत विशेष ध्यान दें और यूपी को सबसे स्वच्छ राज्य बनाने के सीएम योगी के लक्ष्य को लेकर चलें.
गौरतलब है कि चार मई को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सरकार द्वारा जनता की रायशुमारी से किए गए ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2017’ में सबसे साफ 25 शहरों की सूची जारी करते हुए बताया कि कुल 434 शहरों में यह सर्वेक्षण किया गया था. सर्वेक्षण के परिणाम घोषित करते हुए वेंकैया नायडू ने बताया कि 434 शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में गोंडा के बाद दूसरा सबसे अस्वच्छ शहर महाराष्ट्र का भुसावल है. मध्य प्रदेश का इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है, जबकि साफ-सुथरे शहरों की सूची में दूसरा स्थान भी इसी राज्य की राजधानी भोपाल ने हासिल किया है|
गौरतलब है कि देश के शीर्ष 50 स्वच्छ शहरों में गुजरात के सर्वाधिक 12 शहर शामिल हैं, और उसके बाद 11 शहरों के साथ मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है. शीर्ष 50 स्वच्छ शहरों की सूची में आठ शहर आंध्र प्रदेश के भी हैं. इन परिणामों के मुताबिक, सबसे आखिरी पायदानों पर रहे 50 शहरों में से आधे शहर उत्तर प्रदेश से हैं|