सोमवाती अमावस्या के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन में शिप्रा नदी के रामघाट पर स्नान के लिए पहुंचे। भादौ मास की अमावस्या सोमवार के दिन होने से सोमवती अमावस्या कहलाती है। आज के दिन शिप्रा व सोमकुंड में स्नान तथा कुंड के समीप स्थित श्री सोमेश्वर महादेव के दर्शन की मान्यता है। धर्मशास्त्रियों के अनुसार तीर्थ स्नान व सोमेश्वर महादेव के दर्शन कर सफेद वस्तुओं का दान करने से भक्तों को अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जन्म पत्रिका में मौजूद चंद्र ग्रह के दोष का निवारण होता है। ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार भादौ मास में सोमवती अमावस्या व भगवान महाकाल की शाही सवारी का संयोग तीन साल बाद बना है। आज श्रद्धालु शिप्रा व सोमकुंड में स्नान कर दान पुण्य कर रहे हैं।
महापर्व पर शिव आराधना विशेष फल प्रदान करने वाली मानी गई है। सोमतीर्थ स्थित श्री सोमेश्वर महादेव के दर्शन से भक्तों के मनोरथ पूर्ण होने की मान्यता है। अमावस्या पर श्रद्धालु शिप्रा के राघाट व सिद्धवट पर पितृकर्म भी करने आते हैं। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार तीर्थ पुरोहित कोविड नियमों का पालन करते हुए धर्म कार्य करेंगे।