आखिर बच्चा तो बच्चा ही होता है, चाहे वह इंसान का हो या फिर जानवर का। हर बच्चे के प्रति स्नेह मां-बाप और परिवार के लोगों को होती ही है। सोनभद्र के बीजपुर क्षेत्र में कई दिनों से उत्पात मचाये हाथियों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। दरअसल बीजपुर से हाथियों के झुंड को जब शनिवार की रात में खदेड़ा गया तो करीब 13 हाथियों का झुंड अपने दो बच्चों के साथ रिहंद डैम की ओर बढ़ने लगा। डैम के किनारे सभी हाथी पानी पीने गए। इसी दौरान डैम में डूबने से एक हाथी के बच्चे की मौत हो गई। मौत रविवार को दिन की ही बताई जा रही है।
इस घटना के बाद हाथियों का झुंड मृत बच्चे के शरीर के पास ही मंडराता रहा। कई हाथी उसे घेरकर खड़े रहे। करीब 12 घंटे तक ऐसे खड़े रहे लगा मानो शोक मना रहे हों। इस बीच हाथी एक विशेष तरह की आवाज भी निकाल रहे थे। इस वजह से आसपास के इलाके में दहशत इतनी ज्यादा हो गई थी कि आम जनता तो क्या पुलिस और वन विभाग के लोग भी नजदीक जाने में कतराने लगे। करीब 12 घंटे के बाद रविवार की रात में जब हाथियों का झुंड वहां से आगे बढ़ा तो वन कर्मियों ने मौके पर जाकर देखा वहां एक हाथी का बच्चा मृत पड़ा था।सोमवार की सुबह उसके शव को कब्जे में लेकर दफनाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
एक माह से है उत्पात
करीब एक महीने से जिले के बभनी क्षेत्र में हाथियों का उत्पात चल रहा है। बभनी के डुमरहर गांव में एक व्यक्ति को हाथियों के झुंड ने मारा भी है। वहीं उनके हमले में दो लोग घायल भी हुए थे। दर्जनों लोगों के आशियाने गिराए, 50 से अधिक लोगों की फसलों को बर्बाद किया। फिलहाल हाथियों का झुंड मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे जंगलों में है, वन विभाग की टीम लगातार हाथियों की गतिविधि पर नजर रखे हुए है।
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